केदारनाथ में फिर हादसा : हेलिकॉप्टर की हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग, यात्री बाल-बाल बचे

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रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए उड़ान भरने वाले एक हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण आपातकालीन स्थिति में सिरसी के पास हाईवे पर लैंड करना पड़ा। इस घटना में हेलिकॉप्टर में सवार सभी पांच तीर्थयात्री और पायलट सुरक्षित बच गए, लेकिन हेलिकॉप्टर के पिछले हिस्से (टेल रोटर) को नुकसान पहुंचा और हाईवे पर खड़े एक वाहन को भी टक्कर लगने से क्षति हुई। इस हादसे ने चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हादसे का विवरण: जानकारी के अनुसार, केस्ट्रेल एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर शनिवार सुबह बड़ासू (सिरसी) हेलीपैड से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भर रहा था। उड़ान के कुछ ही समय बाद पायलट को हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी का संकेत मिला। पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए तत्काल हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया। यह लैंडिंग फाटा-बड़ासू के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर की गई। लैंडिंग के दौरान हेलिकॉप्टर का टेल रोटर क्षतिग्रस्त हो गया और हाईवे पर खड़ी एक कार को भी नुकसान पहुंचा। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में हेलिकॉप्टर को हाईवे पर खड़ा और उसके आसपास रिहायशी इमारतों को देखा जा सकता है, जो इस घटना की गंभीरता को दर्शाता है।हादसे में पायलट को मामूली चोटें आईं, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया और उनकी स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें गंतव्य की ओर रवाना किया गया। स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और यात्रियों की सहायता की।

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यूसीएडीए और डीजीसीए  की कार्रवाई:   घटना की सूचना मिलते ही उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) ने तत्काल इसका संज्ञान लिया और मामले को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए ) को रिपोर्ट किया। डीजीसीए  ने हादसे की जांच शुरू कर दी है, जिसमें तकनीकी खराबी के कारणों की गहन पड़ताल की जा रही है। केदारनाथ हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि इस घटना से केदारनाथ मंदिर के लिए हेली शटल सेवा पर कोई असर नहीं पड़ा है, और हेलिकॉप्टर को हाईवे से हटाने के प्रयास जारी हैं।चारधाम यात्रा में बार-बार हादसेयह हादसा चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत के बाद से हेलिकॉप्टर से जुड़ा चौथा हादसा है, जिसने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले मई 2025 में केदारनाथ हेलीपैड के पास एक हेली एम्बुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी, जिसमें एम्स ऋषिकेश के दो डॉक्टर और पायलट सुरक्षित बचे थे। इसके अलावा, 24 मई 2024 को क्रिस्टल एविएशन के एक हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण हेलीपैड से 100 मीटर पहले लैंड करना पड़ा था, जिसमें छह यात्री सुरक्षित रहे।पिछले कुछ वर्षों में भी केदारनाथ में हेलिकॉप्टर हादसों का इतिहास रहा है। उदाहरण के लिए, 2022 में गुप्तकाशी से केदारनाथ जा रहे एक हेलिकॉप्टर के क्रैश होने से पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान भी राहत कार्य में लगे एक सैन्य हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से 20 जवान शहीद हो गए थे।

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सुरक्षा पर सवाल और प्रशासन की प्रतिक्रिया
लगातार हो रहे इन हादसों ने चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की अनिश्चितता और तकनीकी खामियां इन हादसों के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हेलिकॉप्टर सेवाओं के लिए कठोर सुरक्षा मानकों और नियमित रखरखाव की आवश्यकता है।प्रशासन ने इन घटनाओं के बाद जांच को और कठोर करने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए पहले ही हेल्थ एडवाइजरी जारी की है और हेलिकॉप्टर सेवाओं के लिए आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से बुकिंग की सुविधा दी है। इसके बावजूद, बार-बार होने वाले हादसों ने यात्रियों में चिंता बढ़ा दी है।

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