आबकारी नीति वर्ष 2025-26 हेतु राजस्व लक्ष्य 55 हजार करोड़ रुपये निर्धारित -पढ़ें आबकारी नीति मुख्य विशेषताएं  

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देहरादून। वर्ष 2025-26 हेतु राजस्व लक्ष्य-55,000 करोड़ रुपये निर्धारित 2-दुकानों का व्यवस्थापन ई-लॉटरी के माध्यम से 3-एक व्यक्ति पूरे राज्य में अधिकतम केवल दो दुकानें प्राप्त कर सकता है, लेकिन सभी दुकानों के लिए आवेदन कर सकता है (प्रति व्यक्ति प्रति दुकान अधिकतम एक आवेदन) 4-आवेदन हेतु फिक्स्ड डिपाजिट बैंक गारंटी केवल सफल आवेदक के द्वारा ही प्रस्तुत की जाएगी (पहले सभी आवेदकों द्वारा प्रस्तुत की जानी अनिवार्य थी)। इस कदम से आवेदनों की संख्या में वृद्धि होगी और व्यवस्थापन प्रक्रिया को प्रशासित किया जाना सुविधाजनक होगा। ऐसा प्रयास किया जाएगा इस निमित्त केवल इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी ही लिया जाये।

5-अगले वित्तीय वर्ष 2026-2027 हेतु दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण के माध्यम से किया जा सकेगा। दुकानों की संचालन अवधि को 2 वर्ष तक बढ़ाये जाने के इस निर्णय से दुकानों की आर्थिक संवहनीयता/लाभप्रदता सुनिश्चित हो सकेगी। 6-28 प्रतिशत वी/वी तीव्रता की अनाज आधारित यूपी निर्मित शराब (यूपीएमएल) की एक नई श्रेणी के शराब की शुरूआत की गई। 7-विदेशी मदिरा और बीयर की पृथक-पृथक दुकानों की जगह अब कंपोजिट दुकानें बनाई जाएंगी, जिससे दुकानों की संख्या में वृद्धि किये बिना ही प्रारंभिक स्तर पर फुटकर विक्रय घनत्व को बढ़ाया जा सकेगा। 8-फुटकर बिक्री की सभी मदिरा दुकानों की लाइसेंस फीस और न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा (एमजीक्यू)/न्यूनतम प्रत्याभूत राजस्व (एमजीआर) से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने और उनकी आर्थिक संवहनीयता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से युक्तियुक्त किया जाएगा 9-ऐसी कंपोजिट दुकानें जो कम से कम 400 वर्ग फीट का क्षेत्रफल रखती हों और अन्य अपेक्षित शर्तों को पूरा करने की स्थिति में हों तो उन्हें मॉडल शॉप में परिवर्तित किये जाने का विकल्प उपलब्ध होगा। मॉडल शॉप में परिवर्तित ऐसी कंपोजि़ट दुकानें परिसर में ग्राहकों को शराब परोस सकती हैं। 10-देशी शराब की दुकानों के पास कतिपय शर्तों को पूरा करने की दशा में उसी परिसर से बीयर बेचने का विकल्प भी उपलब्ध हो सकेगा। 11-देशी शराब अब केवल टेट्रा बोतलों में ही बेची जा सकती है (पूर्व में देशी शराब को पेट बॉटल्स और कांच की बोतलों में भी बेचा जा सकता था)। इस कदम से देशी शराब में जलापमिश्रण और अवैध शराब की आपूर्ति के मामलों में कमी आयेगी । 12-नोएडा, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ में कम तीव्रता के अल्कोहल परोसने वाले बार (केवल बीयर और वाइन परोसने वाले) शुरू किए गए हैं।

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13-नोएडा, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ में कम तीव्रता के अल्कोहल बिक्री वाले प्रीमियम रिटेल वेंड (केवल बीयर और वाइन बेचने वाले) शुरू किए गए हैं । 14- नोएडा और नगर निगम वाले क्षेत्रों में कम से कम 3,000 वर्ग फीट के क्षेत्रफल वाली 2 मॉडल शॉप, प्रीमियम मॉडल शॉप के रूप में परिवर्तित हो सकती हैं और ऐसी प्रीमियम मॉडल शाप को, वर्ष 2027-28 तक नवीनीकृत कराया जा सकेगा । 15- प्रत्येक रिटेल शॉप में मशीन, 2 कैमरे और ग्राहकों को डिजिटल भुगतान की वैकल्पिक सुविधा प्रदान करना अनिवार्य किया गया है। 16-प्रदेश के विकास प्राधिकरणों और औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भूखण्ड पर संचालित आईटी और आईटीईएस प्रतिष्ठानों में अब बार और पीआरवी खोले जा सकेंगे । 17-आसवनियों, यवासवनियों और द्राक्षासवनियों में पर्यटकों/आगंतुकों के लिए की स्वउत्पादित ब्रांड की टेस्टिंग अनुमन्य। 18-यवासवनियों और द्राक्षासवनियों में स्व उत्पाद की फुटकर बिक्री हेतु एक दुकान का संचालन स्व परिसर में अनुमन्य। 19-विदेशी मदिरा के रेगुलर श्रेणी में 90 रुपए की नयी श्रेणी शुरू की गई। 20- दुरुपयोग को रोकने के लिए इवेंट बार / समारोह बार लाइसेंस को उनके आयोजन स्थल / प्रयोजनों के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया। 21-वाइन और एलएबी को बीयर की तरह कैन में बेचा जा सकेगा 22-वाइन की विभिन्न श्रेणियों के लिए निर्धारण हेतु और उत्पाद शुल्क की गणना के लिए नया फॉर्मूला पेश किया गया।  23-निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नीति में निम्न उपाय किये गये।  -अनाज आधारित निर्यात शुल्क को 3 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2 रुपये प्रति लीटर किया गया। -निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए, पिछले साल, बीयर और विदेशी शराब के लिए शुरू की गई फ्रेंचाइज फीस को इस वर्ष कम करते हुये इसे और युक्तियुक्त किया गया । -प्रदेश में स्थित डिस्टिलरी और ब्रूअरीज के लिए विदेशी शराब और बीयर का निर्यात शुल्क कम किया गया -उत्तर प्रदेश में निर्मित वाइन और बीयर के मामले में ब्रांड पंजीकरण और लेबल अनुमोदन शुल्क कम करते हुये उसे युक्तियुक्त किया गया। -देश से बाहर निर्यात किए जाने वाले ब्रांडों के लिए लेबल अनुमोदन की शर्तों को सरल और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया गया -स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में स्थित वाइनरी को प्रत्येक जिले में अत्यंत कम लाइसेंस फीस पर एक फुटकर बिक्री की दुकान अनुमन्य जिसमें केवल अपनी वाइन ही बेची जा सकेगी।      

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