ग्राहक को एक लाख रुपये दें या जेल जाएं, -अल्मोड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक को कोर्ट ने दिया दोषी करार

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हल्द्वानी। ग्राहक को बेवजह परेशान करने और किश्त जमा न कर पाने पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार पांडेय ने अल्मोड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक को दोषी करार दिया है। साथ ही आदेश दिया है कि वह ग्राहक को एक लाख रुपये दें या जेल जाए। अंबिका विहार निवासी लता बिष्ट ने अल्मोड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ऋण लिया था। कोविड के दौरान आर्थिक संकट के कारण किश्त रुक गईं। बैंक ने में सिक्योरिटी चेक में रू. 29,87,251/- की रकम का चेक बाउंसिंग का केस कर दिया। जबकि लता जोशी ने एकमुश्त बड़ी रकम जमा कराकर अपने ऋण खाते को एनपीए से बाहर करा लिया था। तब भी बैंक ने केस वापस नहीं लिया।

लता जोशी की ओर से अधिवक्ता आमिर एम खान ने न्यायालय को बताया कि लता जोशी द्वारा लिए गए लोन को चुकाने की मियाद वर्ष 2027 तक बची हुई है। वर्तमान में भी लता जोशी लोन चुका रही हैं। बैंक से केस वापस लेने की गुहार लगाए जाने के बावजूद भी तत्कालीन प्रबंधक चंद्रशेखर पाठक ने एकमुश्त लोन रकम चुकाने का दबाव बनाया। लता द्वारा जमा कराई जा रही किश्त की रक़मों में से बैंक मनमाने मदों में एक लाख रुपये वसूल चुका है। समस्त तथ्यों का संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने लता जोशी को दोषमुक्त करते हुए बैंक प्रबंधक चंद्रशेखर पाठक को आदेशित किया कि वह लता जोशी को एक लाख रुपये प्रतिकर अदा करें। यदि प्रतिकर अदा नहीं किया तो एक माह का कारावास भोगना पड़ेगा।

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