खड़िया खनन मामले में हाईकोर्ट ने खान अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही के दिए निर्देश
नैनीताल । बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर पंजीकृत की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान गुरुवार को सचिव उद्योग, सचिव खनन, जिलाधिकारी बागेश्वर, खान अधिकारी बागेश्वर सहित अन्य अधिकारी हाईकोर्ट में पेश हुए। हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिला प्रशासन द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर कड़ी नाराजगी जताई और बागेश्वर के खान अधिकारी के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिए ।
याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने उपस्थित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि बागेश्वर के खान अधिकारी का तुरंत स्थान्तरण किया जाय। साथ ही पुलिस अधीक्षक विगत दिवस तक खनन पर लगे सभी मशीनों को सीज करें और अपनी रिपोर्ट कल 10 जनवरी को कोर्ट में पेश करें। खण्डपीठ ने कहा कि 6 जनवरी को कोर्ट ने सॉफ्ट स्टोन माइनिंग पर रोक लगा दी उसके बाद भी 7 जनवरी को 7.46 बजे तक खुदान व खनन सामग्री ले जाई गई । जो कि उच्च न्यायलय के आदेश का उल्लंघन है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने न्यायमित्र के साथ साझा की है। कोर्ट के आदेश के बाद भी वहां खनन हुआ है।
पिछली तिथि को कोर्ट ने मामले को अति गम्भीर पाते हुए कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट का आंकलन कर आज निदेशक खनन व सचिव औद्योगिक व डीएम बागेश्वर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के के आदेश दिए थे। इन अधिकारियों ने आज जो रिपोर्ट पेश की उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं थी। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक खड़िया खनन करने वालों ने वनभूमि के साथ साथ सरकारी भूमि में भी नियम विरुद्ध खनन किया हुआ है। पहाड़ी दरकने लगी है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है इसकी कई फोटोग्राफ व वीडियो रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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