अनोखा कारनामा… हल्दूचौड़ प्रकाश ने सबसे छोटा चरखा बनाकर बनाया कीर्तिमान

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दया जोशी हल्द्वानी

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रहने वाले एक शख्स द्वारा लगातार अनोखा सामान बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। हल्दूचौड़ निवासी प्रकाश चन्द्र उपाध्याय ने एक अनोखा कारनामा कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड 2023 में अपना नाम दर्ज कराते हुए नया कीर्तिमान हासिल किया है। प्रकाश उपाध्याय ने हस्तनिर्मित चरखा (वर्किंग मॉडल)बनाया है जिसका की साइज 3×3×4 मिलीमीटर (0 .11 inX0.11inX0.15 in)और इसका वजन 0.090 मिलीग्राम मात्र है । जिसे चांदी की सीट से बनाया गया है तथा जो कि गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में (2023) में दर्ज हो गया है। यह चरखा लोगों को बहुत आश्चर्यचकित कर रहा है। इसके अलावा सामूहिक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इनके द्वारा तीन बार प्रतिभाग किया है । अभी तक इनके नाम सात व्यक्तिगत वर्ल्ड रिकॉर्ड पूर्व में दर्ज हैं। प्रकाश उपाध्याय प्रदेश और देश में अपनी प्रतिभा का लगातार लोहा मनवा रहे हैं। देश के विभिन्न शहरों की चित्रकला प्रदर्शनी व कार्यशाला में प्रतिभाग तथा तमाम राष्ट्रीय संस्थाओ द्वारा इन्हें सैंकड़ों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका हैं ।

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वर्तमान में राजकीय मेडिकल कालेज, हल्द्वानी के पैथालॉजी विभाग में (आर्टिस्ट) के पद पर विगत लम्बे समय से कार्यरत है। उत्तराखण्ड एवं देश के विभिन्न शहरों की चित्रकला प्रदर्शनी व कार्यशाला में प्रतिभाग किया है । इसके अतिरिक्त मुझे विभिन्न संस्थाओ के द्वारा सम्मान व पुरस्कार प्रदान किए हैं ।
इन्होंने सर्वप्रथम विश्व की सबसे छोटी हस्तलिखित पुस्तक का निर्माण किया जिसका साइज 4 ×4 × 8 मिमी मात्र है जो कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में (2014) में दर्ज है। इसके बाद इन्होंने विश्व की सबसे छोटी हस्तनिर्मित “हनुमान चालीसा” बनायी है जिसका आकार 3× 4 ×4 मिमी है। यह यूनीक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (2015) में दर्ज है। इन्होंने विश्व की सबसे छोटी पेंसिल जिसका आकार 0.5 ×5मिलीमीटर है। जो कि एसिस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड (2017) में दर्ज है । इसके अतिरिक्त प्रकाश उपाध्याय ने विश्व का सबसे छोटा हस्तनिर्मित चरखा (वर्किंग मॉडल) बनाया है जिसका साइज 5 ×6 × 4 मीटर है जो कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (2017) में नाम दर्ज है।
इसके बाद इनका पांचवां रिकार्ड जिसका शीर्षक स्मालस्ट शिप माडॅल इन ग्लास बोटल है । जिसका कि साइज 1.50cm. लंम्बा,0.50cm.चौड़ा व बोतल का मुँह 0.15cm.है । जिसको संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की प्रतिष्ठित किताब गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (2019) में दर्ज कर लिया है। इनका छठवाँ रिकार्ड है जिसमें विश्व का सबसे छोटा हस्तनिर्मित चरखा (वर्किंग मॉडल) जिसका की साइज 3.5×3.5×4.5 मिली मीटर था जो कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में (2019) में दर्ज किया ।इसके बाद इन्होने सबसे छोटा चंदन की लकड़ी से तैयार गिटार बनाया जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (2020-22) में दर्ज किया गया था ।

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उनकी इस उपलब्धि पर मुख्य गवाह के रूप में राजकीय मेडिकल कालेज के टी०वी० एण्ड चेस्ट विभागाध्यक्ष डा० आर० जी०नोटियाल व एनेस्थीसिया विभागाध्यक्षया डा० उर्मिला पलड़िया व रिकॉर्ड के निरीक्षक के रूप में हल्द्वानी के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट मोहन पाठक ने अपना योगदान दिया है। प्रकाश की इस उपलब्धि पर राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी व पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा० हरिशंकर पाण्डेय सहित शहर के गणमान् मित्र जनों ने इन्हें अपनी शुभकामनायें प्रदान की है।

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