सातवें दिन के भागवत कथा में हाटकाली मंदिर में उमड़ रहा है भक्तो का सैलाब

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भक्ति ज्ञान वैराग्य को भागवत कहते हैं


गंगोलीहाट। विश्व प्रसिद्ध हाटकाली मंदिर में श्रीमद देवी भागवत के छठे दिवस पर मुख्य यजमान के सुपुत्र गजेंद्र रावल ने सपरिवार प्रातः पुरोहित दीप पंत व पंकज पंत के द्वारा मंत्रोचार के बीच माँ हाटकाली की शक्ति में सर्वप्रथम पंचामृत स्नान , देवी पूजन अर्चन बंदन किया । वही दोपहर 2 बजे भारी बारिश के बावजूद गुरुवार को कथा सुनने महिलाओं का हुजूम उमड़ गया । कथा के छठे दिन कथावाचक शास्त्री मनोज कृष्ण जोशी ने कहा कि भागवत के चार अर्थ होते हैं भक्ति , ज्ञान वैराग्य व त्याग को ही भागवत कहा जाता है ।

भगवान से संबंध रखने वाला , भगवान से प्रेम करने वाला , भगवान का भजन करने वाला भी भागवत ही हो जाता है इसीलिए भागवत धर्म को बढ़ाया जाय इसी में जीव की प्रसन्नता निहित है । वही मा महाकाली की अखण्ड धूनी में सोमगिरि महाराज के सानिध्य में रात दिन अखण्ड भजन चल रहा है । इस दौरान रावलगांव की मातृ सेवादारों में भागीरथी रावल , मधुली रावल , हंसा रावल कंमला कम्मू रावल , माया देवी , सुनीता देवी , कंमला देवी , पुष्पा देवी , गुड्डी देवी , कविता रावल , जानकी देवी , विमला देवी , भागीरथी रावल गीता रावल , गीता रावल द्वितीय , पुष्पा रावल द्वितीय व अंजू रावल नित्य अपनी सेवा दे रहे हैं ।

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