29 जून को दिल्ली में होगी जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, बड़े उलटफेर के संकेत

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नईदिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह खबरें भी आ रही थीं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हैं और कभी भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, 29 जून को नई दिल्ली में जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जा रही है. एनडीए की नई सरकार बनने के बाद यह पहली बार है जब जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है, जिसमें लोकसभा चुनाव के परिणाम और आगामी रणनीतियां शामिल हैं.


जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. इसके लिए वह दिल्ली जाएंगे. बैठक में लोकसभा चुनाव के परिणामों पर भी विस्तार से चर्चा होगी. इस बार जेडीयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 12 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा, दो साल बाद जेडीयू की केंद्रीय मंत्रिमंडल में वापसी हुई है, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

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आपको बता दें कि आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह बैठक विशेष महत्व रखती है. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. इसके साथ ही, राष्ट्रीय स्तर पर जेडीयू के विस्तार और अगले कुछ महीनों में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनकी रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है. बैठक में पार्टी की आगामी योजनाओं और चुनावी तैयारियों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा.

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वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान, जेडीयू को 16 सीटों में से 12 पर जीत मिली थी. इस पर भी पार्टी गहराई से विचार करेगी. उल्लेखनीय है कि जेडीयू के नेता ललन सिंह ने अचानक पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह पर खुद नीतीश कुमार ने पार्टी की कमान संभाल ली थी. नीतीश कुमार के अध्यक्ष बनने के बाद, बिहार की राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव हुआ और जेडीयू ने महागठबंधन सरकार से अलग होकर एनडीए में शामिल होने का फैसला किया.

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इसके अलावा आपको बता दें कि नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक सूझ-बूझ ने हमेशा से जेडीयू को मजबूत स्थिति में रखा है. उनके अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में नए जोश का संचार हुआ और उन्होंने महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए पार्टी को नई दिशा दी. उनके नेतृत्व में जेडीयू ने लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया और केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

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