विजयादशमी पर्व पर विशेष…जानिए महत्व, पूजा विधि एवं कथा

खबर शेयर करें

हिंदू धर्म में दशहरा यानी विजयादशमी के पर्व का विशेष महत्व होता है।प्रति वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयादशमी पर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था और माता सीता को उसके चंगुल से आजाद किया था। तभी से प्रतिवर्ष विजयादशमी के दिन लोग रावण के पुतले का दहन करके बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का पर्व मनाते हैं। यह पर्व प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।दशहरे का त्यौहार या विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।

हिंदू धर्म में दशहरा मुख्य त्योहारों में से एक है। दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। यह त्यौहार अवगुणों को त्याग कर गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इसी कारण इसे बुराई पर अच्छाई का प्रतीक मानते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने अधर्म
अत्याचार और अन्याय के प्रतीक रावण का वध करके धरती वासियों को भय मुक्त किया था और मां देवी दुर्गा मां ने महिषासुर नामक असुर का वध करके धर्म और सत्य की रक्षा की थी। अतः इस दिन भगवान श्री राम, दुर्गा जी, महालक्ष्मी ,मां सरस्वती एवं भगवान गणेश जी
और हनुमान जी की आराधना करके सभी के लिए मंगल की कामना की जाती है। समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विजयादशमी पर रामायण पाठ श्री राम रक्षा स्तोत्र ,सुंदरकांड आदि का पाठ किया जाना अति शुभ माना जाता है।
इस दिन क्या करना चाहिए?
इस दिन प्रातःब्रह्म मुहुर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा स्थल पर बैठकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी एवं दुर्गा माता गणेश जी भगवान एवं पवन पुत्र हनुमान जी का ध्यान करना चाहिए उनका षोडशोपचार पूजन करें।श्री राम स्तोत्र का पाठ करें बजरंगबली हनुमान जी का कवच पाठ यदि संभव हो तो संस्कृत या फिर हिंदी में ही कवच पाठ करें संभव हो तो 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।जो शत् बार पाठ कर कोई। छूटे बन्धी महा सुख होई।।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  दशहरा पर्व के दौरान आज से शहर में डायवर्जन प्लान लागू


यदि संभव हो तो संपूर्ण रामायण का पाठ करें अन्यथा कम से कम सुंदरकांड का पाठ करें।मन में यह संकल्प लें कि अपने मन की सभी बुराइयों को समाप्त कर दें। एक दृढ़ संकल्प यह बना लें कि आज से कम से कम एक -एक बुराइयां प्रतिदिन कम करते जाएं और प्रतिदिन
एक-एक अच्छाइयां ग्रहण करें। और अपने परिवार के सदस्यों एवं अपने हितेषियों को भी ऐसा ही करने को प्रेरित करें। पाठकों को एक महत्वपूर्ण बात बताना चाहूंगा कि रावण कोई प्रतीकात्मक अथवा प्रत्यक्षदर्शी नहीं होता है। यह हमारे मन के अंदर छुपी बुराइयों को ही
रावण कहते हैं यदि समाप्त करना हो तो इन्हें ही करना चाहिए।
दशहरा की पूजा विधि
दशहरा की पूजा सदैव अभिजीत,विजयी या अपराह्न काल में की जाती है।अपने घर के ईशान कोण में शुभ स्थान पर दशहरा पूजन करें।पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र करके चंदन का लेप करें और आठ कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र निर्मित करें। इसके पश्चात संकल्प मंत्र का जप करें तथा देवी अपराजिता से परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।


अब अष्टदल चक्र के मध्य में
ॐ अपराजिताय नमः
मंत्र द्वारा देवी की प्रतिमा स्थापित करके आह्वान करें।इसके बाद मां जया को दांई एवं विजया को बांई तरफ स्थापित करें और उनके मंत्र “क्रिया शक्तिये नमः” व “उमायै नमः”से देवी का आह्वान करें।अब तीनों देवियों की शोडषोपचार पूजा विधिपूर्वक करें। शोडषोपचार पूजन के उपरांत भगवान श्रीराम और हनुमान जी का भी पूजन करें।सबसे अंत में माता की आरती करें और भोग का प्रसाद सब में वितरित करें।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  ततैये के हमले से महिला घायल-15 दिन में तीसरी बार ततैयों का हमला


दशहरा पर संपन्न होने वाली पूजा शस्त्र पूजा:
दशहरा के दिन दुर्गा पूजा,श्रीराम पूजा के साथ और शस्त्र पूजा करने की परंपरा है। प्राचीनकाल में विजयदशमी पर शस्त्रों की पूजा की जाती थी। राजाओं के शासन में ऐसा होता था। अब रियासतें नहीं है,लेकिन शस्त्र पूजन को करने की परंपरा अभी भी जारी है।
शमी पूजा:-
इस दिन शमी पूजा करने का भी विधान है जिसके अंतर्गत मुख्य रूप से शमी वृक्ष की पूजा की जाती है। इस पूजा को मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व भारत में किया जाता है।
विजयदशमी (दशहरा) कथा-:
अयोध्या नरेश राजा दशरथ के पुत्र भगवान
श्रीराम अपनी अर्धांगिनी माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास पर गए थे। वन में दुष्ट रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया और उन्हें लंका ले गया।अपनी पत्नी सीता को दुष्ट रावण से मुक्त कराने के लिए दस दिनों के भयंकर युद्ध के बाद भगवान राम ने रावण का वध किया था।उस समय से ही प्रतिवर्ष दस सिरों वाले रावण के पुतले को दशहरा के दिन जलाया जाता है। जो मनुष्य को अपने भीतर से क्रोध, लालच, भ्रम, नशा, ईष्र्या स्वार्थ,अन्याय,अमानवीयता एवं अहंकार को नष्ट करने का संदेश देता है।


महाभारत में वर्णित पौराणिक कथा के अनुसार, जब पांडव दुर्योधन से जुए में अपना सब कुछ हार गए थे। उस समय एक शर्त के अनुसार पांडवों को 12 वर्षों तक निर्वासित रहना पड़ा था, और एक साल के लिए उन्हें
अज्ञातवास पर भी रहना पड़ा था। अज्ञातवास के समय उन्हें सबसे छिपकर रहना था और यदि कोई उन्हें पहचान लेता तो उन्हें दोबारा 12 वर्षों का निर्वासन झेलना पड़ता। इसी वजह से अर्जूुन ने उस एक वर्ष के लिए अपनी गांडीव धनुष को शमी नामक पेड़ पर छुपा दिया था और राजा विराट के महल में एक ब्रहन्नला का रूप धारण करके कार्य करने लग गए थे। एक बार जब विराट नरेश के पुत्र ने अर्जुन से अपनी गायों की रक्षा के
लिए सहायता मांगी तब अर्जुन ने शमी वृक्ष से अपने धनुष को वापिस निकालकर दुश्मनों को पराजित किया था। इसीलिए इस दिन शमी पूजा का भी विधान है।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  सिर धड़ से अलग होने को संदिग्ध बताते हुए पत्नी ने दी तहरीर


शुभमुहूर्त-:
इस बार दिनांक 12 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार को विजयदशमी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन यदि दशमी तिथि की बात करें तो 11 घड़ी 50 पल अर्थात प्रातः 10:58 बजे से दशमी तिथि प्रारंभ होगी। यदि श्रवण नक्षत्र की बात करें तो इस दिन 55 घड़ी 32 पल अर्थात अगले दिन प्रातः 4:28 बजे तक श्रवण नक्षत्र रहेगा। घृति नामक योग 45 घड़ी 17 पल अर्थात मध्य रात्रि 12:22:00 बजे तक है। इस दिन कौलव नामक करण 11 घड़ी 50 पल अर्थात प्रातः 10:58 बजे तक है। इन सबसे महत्वपूर्ण यदि इस दिन के चंद्रमा की स्थिति को जानें तो इस दिन चंद्र देव पूर्ण रूपेण मकर राशि में विराजमान रहेंगे।


पूजा का शुभ मुहूर्त -:
यदि विजयदशमी पर्व के दिन पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस दिन दोपहर 2:02 बजे से दोपहर 2:48 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। यह अवधि कुल 46 मिनट तक है। आप सभी को सपरिवार विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम लक्ष्मण सहित माता सीता की कृपा एवं मां दुर्गा की कृपा आप और हम सभी पर बनी रहे। इसी मंगल कामना के साथ आपका दिन मंगलमय हो।
लेखक आचार्य पंडित प्रकाश जोशी गेठिया नैनीताल

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119