भाषाई शब्दों का ध्यान देने की जरूरत : प्रो. मिश्रा-एनयूजे एवं उमुविवि के तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन-

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पत्रकारिता दिवस पर वरिष्ठ पत्रकारों को किया सम्मानित-

हल्द्वानी। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर नेशनललिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस उत्तराखंड की नैनीताल जिला इकाई एवं पत्रकारिता व मीडिया अध्ययन विद्या शाखा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुक्त विश्वविद्यालय के सभागार में हिंदी पत्रकारिता के वर्तमान स्वरूप और डिजिटल मीडिया विषय पर संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. आरसी मिश्रा ने कहा कि प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता पर डिजिटल मीडिया दखल बढऩे लगा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिससे हिंदी पत्रकारिता के स्तर पर भी कई सवाल खड़े होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अखबारों की विश्वसनीयता की आज भी जरूरत है, लेकिन भाषाई शब्दों का पत्रकारों को विशेष ध्यान देना होगा। साथ ही समाचारों को किस क्रम में रखा जाए यह भी ध्यान रखने की जरूरत है। वेबीनार के माध्यम से जुड़े वक्ता डॉ. गिरीश रंजन तिवारी ने कहा कि आने वाला दौर डिजिटल मीडिया का ही है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि वर्तमान पत्रकारिता में अखबार काफी हद तक पिछडऩे लगे हैं। ऐसे में आने वाले दशकों में प्रतीत होता है कि कहीं प्रिंट मीडिया सिमट कर न रह जाए।

मुख्य वक्ता आईआईएमसी दिल्ली के डीन प्रो. गोविंद सिंह ने कहा कि डिजिटल मीडिया के माध्यम से तमाम पोर्टल, यूट्यूब चैनल देखे जा रहे हैं, जिसकी वजह से अखबार, मैग्जीन पढऩे वालों की संख्या निरन्तर घटने लगी है। उन्होंने भी हिंदी पत्रकारिता को मजबूत बनाये रखने के लिए बेहतर पत्रकारिता की जरूरत महसूस की। इस दौरान प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य प्रो. बीआर गुप्ता ने कहा कि पत्रकारों को अपनी पत्रकारिता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने भी इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि पाठक वर्ग क्षेत्रीय स्तर पर खबरें पढऩा पसंद करते हैं, जिसकी पूर्ति होनी जरूरी है।

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प्रो. गुप्ता ने कहा कि पत्रकारिता मजबूत रही तो कोई भी मीडिया दौर आये कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी। अतिथि के रूप में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. राकेश रयाल ने कहा कि वर्तमान समय में बेहतर पत्रकारिता के लिए विशेष कार्यशाला की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मुक्त विवि आने वाले समय में डिजिटल मीडिया कोर्सेज आरभ करेगा। साथ ही कार्यशालाओं का आयोजन भी करेगा।

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संगोष्ठी में डॉ. गिरजा शंकर पाण्डे ने कहा कि इतिहास गवाह है कि मीडिया की विशेष भूमिका रही है। आने वाला समय डिजिटल मीडिया का जरूर है, लेकिन समाचारों के प्रति सही तथ्य उजागर होने पर अखबारों की विश्वसनीयता बनी रहेगी। इस दौरान बतौर विशिष्ट अतिथि एनयूजे उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पाठक ने कहा कि सोशल मीडिया में विश्वसनीयता का अभाव है। सब कुछ होने पर भी आज लोग अखबारों को ही पलटते हैं। डिजिटल मीडिया स्वाद जरूर चखा रहा है, लेकिन विश्वसनीयता बनाने में सोशल, डिजिटल मीडिया को अभी समय लगेगा।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार डॉ. दिनेश जोशी ने कहा कि मीडिया को कुशल एवं सशक्त बनाने के लिये समय-समय पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना चाहिए। इस दौरान पत्रकारिता के सिद्धांतों पर कई वक्ताओं ने अपनी अपनी बातें रखी। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के राजेंद्र क्वीरा ने किया।

इस दौरान सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य एवं कुमगढ़ के संपादक दामोदर जोशी, एनयूजे की जिला अध्यक्ष दया जोशी के अलावा तमाम पत्रकारों ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर विचार रखे। इस दौरान कई वरिष्ठ पत्रकार एवं उपसंपादक ईश्वरी दत्त भट्ट, रवि शंकर शर्मा, रवि शंकर शर्मा, हिमांशु जोशी, आनंद बत्रा को पत्रकारिता दिवस पर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में पत्रकार सुमित जोशी, सुशील भट्ट, संजय कनेरा, नरेंद्र मेहरा, विजय गुप्ता, अरशद अली, ललित सनवाल, शकर दत्त पाण्डेय, भाष्कर मिश्रा, विश्वदीप सक्सेना, गिरीश चंदोला समेत उत्तराखंड मुक्त विवि के अधिकारी, कर्मचारी व पत्रकारिता के छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।

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