मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने को टीम नहीं बनने पर हाईकोर्ट सख्त, -प्रमुख सचिव वन को दो हफ्ते का दिया समय
नैनीताल। मानव-वन्य जीव संघर्ष को कम करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेशों का पालन न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए आदेशों का दो हफ्ते में पालन करने के निर्देश दिए हैं, अन्यथा अगली सुनवाई की तिथि को प्रमुख सचिव वन को कोर्ट में पेश होना होगा। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी अनु पंत द्वारा दाखिल जनहित याचिका में नवंबर 2022 में हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव वन को दिशा निर्देश दिये थे कि वे मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित करें। समिति में उन लोगों को रखा जाये जो इस संघर्ष के कारणों व उसके समाधान पर अपनी राय दे सकें। इस मामले की पुन: हुई सुनवाई में सरकार ने कोर्ट को बताया कि पूर्व के आदेश का पालन नहीं हुआ है। इसके लिए सरकार ने और समय मांगा। जिस पर कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है और यह भी कहा है कि अगर दो सप्ताह में कार्यवाही नहीं होती तो प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु उच्च न्यायालय में उपस्थित होंगे। मामले की अगली सुनवाई की तिथि 22 मई निर्धारित की गई है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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