दस साल बाद भी धौलछीना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण नहीं-


अल्मोड़ा। भैंसियाछाना विकास खंड के मुख्यालय धौलछीना में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उच्चीकरण करने के लिए सन 2004 में घोषणा हुई थी। जब कि 2007 में भवन निर्माण कार्य शुरू हुआ। दो करोड़ पैंतालीस लाख रुपए की लागत से 2012 में अस्पताल भवन तैयार होकर स्वास्थ्य विभाग को सुपुर्द कर दिया गया। लेकिन दस साल बीत गए आज तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उच्चीकरण नहीं किया जा सका। इस अस्पताल भवन में ओपीडी, जनरल वार्ड आपतकालीन सीनियर व जूनियर डाक्टरों के लिए अलग-अलग कमरे बने हैं। एक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन व अन्य उपकरणों की कमी के कारण भैंसियाछाना विकास खंड व रीठागाड़ पट्टी की जनता को अल्मोड़ा जिला अस्पताल जाना पड़ता है। रीठागाड़ी दगडिय़ों संघर्ष समिति के बार-बार शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बाबजूद बड़ी मुश्किल से धौलछीना अस्पताल में लैब टैक्नीशियन की नियुक्ति हुई है।
समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी का कहना है कि इस अस्पताल भवन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का वोर्ड तो लगा दिया, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तरह सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। रीठागाडी दगडिय़ों संघर्ष समिति के सदस्यों व महिला संगठन ने फिर नाराजगी जताते हुए धौलछीना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण करने के लिए शासन प्रशासन को गुहार लगाई है।
इस मौके पर समिति अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी, ग्राम प्रधान संगठन उपाध्यक्ष दीवान सिंह मेहता, क्षेत्रीय पंचायत सदस्य प्रेमा देवी, ग्राम प्रधान महेश बोरा, ग्राम प्रधान दीवान सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान सुनीता बिष्ट, समिति सचिव नन्दन राना, समाजिक कार्यकर्ता मनोज सिंह जड़ौत, बालम सिंह बानी, मनोज पंत, मेरे गांव मेरी शान संगठन के अध्यक्ष अर्जुन सिंह बानी, इन्द्र सिंह बानी, ग्राम प्रधान धरम सिह बिष्ट आदि लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर शासन-प्रशासन ने इस ओर से कोई ध्यान नहीं दिया तो उग्र आन्दोलन किया जाएगा।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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