गंगा दशहरा मंगल को, नदी में स्नान व दान का विशेष महत्व

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हल्द्वानी। गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दान-पुण्य की दृष्टि से इसका विशेष महत्व होता है। निर्जला एकादशी से एक दिन पहले यानी कि 30 मई को गंगा दशहरा है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने और जरूरतमंद लोगों को दान करने का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इस दिन घर के मुख्य दरवाजे में द्वार पत्र लगाने की भी परंपरा है। यह परंपरा उत्तराखंड में प्रमुख रूप से प्रचलित है।

हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन हर व्यक्ति को अपने घर के मुख्य द्वार पर द्वार पत्र लगाना चाहिए। द्वार पत्र लगाने का बहुत अधिक लाभ होता है। मान्यता के अनुसार इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सारे पापों का अंत होता है। गंगा दशहरा का पर्व इस बार 3 शुभ योग के बीच में मनाया जाएगा। इस दिन रवि योग, सिद्धि योग और धन योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही ज्योतिष में भौतिक सुखों के कारक माने जाने वाले शुक्र ग्रह का गोचर भी कर्क राशि में हो रहा है और इस प्रकार से धन योग भी इस दिन बन रहा है। इन शुभ संयोग के बीच में गंगा दशहरे का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन दान करने से घर में सुख समृद्धि और धन वैभव बढ़ता है।

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-घर पर ही स्नान करते हुए पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए

गंगा दशहरा को लेकर यह धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ही मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी। गंगा दशहरा पर पवित्र गंगा नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। अगर आपके लिए ऐसा कर पाना संभव न हो तो घर पर ही स्नान करते हुए पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए। इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है।

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