जमरानी कालोनी के सरकारी आवास गिराने में जुटा ठेकेदार दीवार और छत के नीचे आया, मौत

Fast News Uttarakhand - Latest Uttarakhand News in Hindi
खबर शेयर करें

हल्द्वानी। रविवार को दमुवादूंगा स्थित जमरानी कालोनी में उस समय हड़कंप मच गया जब जमरानी कालोनी के सरकारी आवास गिराने में जुटा ठेकेदार दीवार और छत के नीचे आ गया। आनन-फानन में स्थानीय लोगों और जेसीबी मशीन की मदद से उसे बाहर निकाला और सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया। जहां पर मौजूद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

गौलापार किशनपुर दानीबंगर निवासी विक्रम सिंह बिष्ट पुत्र डूंगर सिंह बिष्ट एमबीपीजी में एमए तृतीय वर्ष का छात्र था और यहां पिता डूंगर, मां भगवती देवी व छोटे भाई हर्षित के साथ रहता था। परिवार की माली हालत खराब थी और इसके लिए वह काम भी करता था। इन दिनों वह दमुवादूंगा स्थित जमरानी कॉलोनी के सरकारी आवास गिराने का काम कर रहा था। बताया जाता है कि इस सरकारी आवास गिराने वाले मुख्य ठेकेदारों ने उसे यह ठेका दिया था। बताया जा रहा कि रविवार की सुबह करीब 7 बजे वह रिश्ते के भाई वीरेंद्र व हरीश के साथ जमरानी कालोनी गया था। तीनों ने मजदूरों के साथ काम भी किया और यह देख रहे थे कि मकान की ईंटें सही सलामत निकल आए। वहां पर मौजूद उसके साथियों की मानें तो दोपहर खाना खाने के लिए सभी कॉलोनी से बाहर आ गए, लेकिन विक्रम अंदर ही रह गया। तभी अचानक कॉलोनी की दो मंजिला छत नीचे आचनक ढह गई और विक्रम दीवार और छत के बीच के मलवे में दब गया। विक्रम की चीख और छत गिरने की आवाज सुनकर लोग वहां पर पहुंच गए और देखा कि कॉलोनी की छत विक्रम की पीठ पर और पेट दीवार पर टिका था। यह देख लोगों के होश उड़ गए। उन्होंने आनन-फानन में मलवे में दबे विक्रम को निकालने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  बिग ब्रेकिंग...खून से लतपथ मिला रेलवे के रिटायर्ड बुजुर्ग का शव

जिसके बाद मौके पर तुरंत जेसीबी को बुलाया गया। तभी वहां पर मौजूद लोगों व जेसीबी की मदद से लहूलुहान पड़े विक्रम को बाहर निकाला गया और तुरंत उपचार के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया। जहां पर मौजूद चिकित्सकों ने विक्रम को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। वहीं घटना की सूचना मिलते ही मृतक विक्रम के माता-पिता भी अस्पताल पहुंच गए। जैसे ही चिकित्सकों ने मौत की पुष्टि की तो वह फूट-फूट कर रोने लगे। विक्रम के पिता डूंगर सिंह बिष्ट का आधा शरीर काम नहीं करता। बताया जाता है कि वह पैरालाइज्ड हैं। परिवार में कमाने वाला सिर्फ विक्रम था। यही वजह थी कि विक्रम पढ़ाई के साथ काम करके परिवार की मदद करता था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। इधर लोगों ने आरोप है कि हादसे के तुरंत बाद लोगों ने सबसे पहले पुलिस और फिर एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन न तो मौके पर पुलिस पहुंची और न ही एंबुलेंस। करीब पौन घंटा बीत गया और जब विक्रम को लेकर दोस्त अस्पताल के लिए लेकर निकला तो उसके बाद एंबुलेंस घटनास्थल पहुंची। विक्रम के दोस्तों ने बताया कि अगर समय रहते एंबुलेंस पहुंच जाती या ठेकेदार मदद कर देता तो शायद विक्रम की जान बच सकती थी।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119