उत्तराखंड में पहली बार मुनस्यारी में हुआ ग्राम सरकार का सपना सच-
ग्राम पंचायतों की खुली बैठक में 14 विभागों को देख जनता उत्साहित-
जनता ने ग्राम सरकार से पूछे सवाल-
जिपंस जगत मर्तोलिया की पहल लाई रंग-
मुनस्यारी। उत्तराखंड में पहली बार सीमांत विकास खंड मुनस्यारी के 14 ग्राम पंचायतों की खुली बैठक में पहली बार ग्राम सरकार नजर आया। पंचायतों के अधीन आने वाले 14 hn रेखीय विभागों के ग्राम स्तर पर अधिकारियों ने जनता की समस्याओं को सुना। ग्राम सरकार का एहसास भी पहली बार ग्रामीणों को हुआ और सरकारी अधिकारी गण भी अपनी जबाबदेही से रुबरु हुए। अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है।
ग्राम पंचायतों की खुली बैठक के लिए पहले भी रेखीय विभागों को बैठक की सूचना भेजी जाती थी। कोई भी विभाग इन बैठकों के लिए भेजे गए आंमत्रण को महत्व नहीं देता था। जिला पंचायत सरमोली वार्ड के 25 ग्राम पंचायतों में से 22 ग्राम पंचायतों में त्रैमासिक खुली बैठक होनी थी।
इस बार बैठकों से पहले जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया के अनुरोध पर खंड विकास अधिकारी ग्वासीकोटी ने रेखीय विभागों को बैठक में शामिल होने के लिए कड़ा पत्र जारी किया। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया की मौजूदगी में हुई बूंगा, मल्ला घोरपट्टा, तल्ला घोरपट्टा, बनियागांव, सरमोली, सुरिंग, जलथ,हरकोट,सेरा सुराईधार,दरकोट,तल्ला दुम्मर , दरांती, खसियाबाड़ा, जैंती में हुई खुली बैठकों का नजारा कुछ और ही था।
बैठक में नागरिक पुलिस से लेकर समाज कल्याण, युवा कल्याण, उद्यान, कृषि, वन विभाग, शिक्षा विभाग, पेयजल, स्वास्थ्य विभाग, सहकारिता विभाग, स्वजल, मनरेगा, एनआरएलएम, सहित रेखीय विभागों के अधिकारी जनता के सवालों का जबाव तथा जनता की समस्याओं के समाधान के लिए तैयार थे।
इन खुली बैठकों में जनता ने भी विभागों के सामने अपने दर्द तथा गुस्से दोनों को जाहिर किया। पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम सरकार की जो परिकल्पना की जाती है, वह इन ग्राम पंचायतों की खुली बैठकों में दिखाई दी गई। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि शेष ग्राम पंचायतों में सितम्बर माह में खुली बैठक आयोजित की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिन विभागों की अनुपस्थिति रही है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही के लिए जिला अधिकारी को लिखा जायेगा। बैठक में उठी समस्याओं के समाधान के लिए वे स्वयं फीटबैक लेते रहेंगे।
मर्तोलिया ने कहा कि जन प्रतिनिधियों की जानकारी के अभाव में ग्राम सरकार की अवधारणा गायब हो गई थी, उसे हमने पुर्नस्थापित करने का बीड़ा उठाया है।
बैठकों का संचालन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी गीता पिमोली, प्रकाश सिंह गनघरिया, ग्राम विकास अधिकारी नरेंद्र कुमार, नवीन सिंह रावत ने किया।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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