सात सालों से बेसुरे ढोल पीट रही हैं वित्त मंत्री, आमजन को छल रहा है गठबंधन सरकार का बजट : खष्टी बिष्ट
लगातार हर मोर्चे पर असफल केंद्र सरकार का यह बजट
नैनीताल। आमजन के लिए नहीं रहा बजट बल्कि खास जन के लिए ही रहा। सुनहरे सपने दिखाने वाला सीतारमन जी का बजट विगत वर्षों की तरह ही बेदम है,जिसमें हकीकत कम अफसाना ज्यादा दिखाई देता है। बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं ना एमएसपी की चर्चा, ना गारंटी योजना, किसान निराश! रोजगार के लिए 500 कंपनियां देंगी रोजगार। जरा पूछे मोहतरमा से कि अकुशल श्रमिकों को कौन सी कंपनी रोजगार देती है।
कुशल श्रमिक बनाने की स्कीमें फेल हो चुकी है ।
पिछले साल भी 10 लाख रुपए की लोन की व्यवस्था की गई थी। बताएं वित्त मंत्री जी की कितना लोन लिया गया कि और कितनी सफलता से कुशल कारीगर तैयार किए गए। मेक इन इंडिया के कार्यक्रम की हवा पहले ही निकल चुकी है फिर 20 लाख के लोन का ब्याज उद्यमी कैसे चुकाएगा। हां, अलबत्ता बैसाखी सरकार ने आंध्र प्रदेश और बिहार को सौगातें देकर खुश कर दिया है और कुछ और दिनों के लिए सत्ता सुख की मोहलत और खींच ली है।
मोबाइल, चार्जर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना सस्ता कर उपभोक्तावाद को बढ़ावा दिया है और अपने सहयोगी बिजनेस हाउसों को जनता को लूटने का अवसर दिया है। पेंशन मुद्दे पर खामोशी, अग्निवीर मुद्दे पर चुप्पी, नीट नेट परीक्षाओं में घोटाले पर पर चुप्पी ।महिला सुरक्षा पर खामोशी के बीच बेसुरे बजट के ढोल पीट रही हैं वित्त मंत्री। शिक्षा को नजरअंदाज किया गया तो कुशलता कैसे आएगी, बचत के कोई उपाय नहीं बताए गए हैं। आम वेतन भोगी को टैक्स स्लैब में ऊंट के मुंह में जरा बराबर राहत दी है।
सच्चाई तो यह है कि यह बजट विगत वर्षों की भांति खोखला लिफाफा ही है। जिसे वित्त मंत्री ने बासी खाने को चमकीले पैकेज में लपेटकर जनता को एक बार फिर छला है। यह बजट गठबंधन सरकार में एक दूसरे को खुश करने के अतिरिक्त कुछ भी नहीं। जनता को एक बार फिर रंगीन सपनों के इंद्रजाल में उलझा कर धोखा दिया है एनडीए सरकार ने और मध्यम वर्गीय परिवारों को इस वर्ष भी कोई राहत नहीं मिली।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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