गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन ने सरकार के पत्र पर जताई आपत्ति-

खबर शेयर करें

एस आर चंद्रा

भिकियासैण। उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन रामगंगा भिकियासैंण के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने एक जारी न्यूज में कहा है कि, 7 जनवरी 2022 को उत्तराखंड शासन के संयुक्त सचिव की ओर से निदेशक चिकित्सा स्वाथ्य एवं परिवार कल्याण तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंड को एक पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि, माननीय उच्च न्यायालय में योजित पीआईएल गणपत सिंह बिष्ट बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य में मा0 न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 15 दिसंबर, 2021का अनुपालन करते हुए तत्काल पैंशन से कटौती करना बंद करें। शासन की ओर से जारी पत्र के साथ नौ बिन्दुओं पर आधारित एक विकल्प पत्र राज्य के पैंशनर्स के लिए दिया गया है जिसमें नाम पते के अतिरिक्त विभाग व कोषागार आदि का उल्लेख करना है विकल्प पत्र के अन्तिम बिंदु संख्या 9 में घोषणा करनी है कि, ‘ मैं स्वेच्छा से राज्य सरकार स्वाथ्य योजना में सम्मिलित होना/ नही होना चाहता/ चाहती हूं ‘। उसके नीचे दो कालम दिए गए हैं जिसमें पैंशनर्स को हां या नहीं पर टिक कर अपने हस्ताक्षर करने हैं। इसके अतिरिक्त कोई गाइड लाइन पत्र में नहीं दी गई है मसलन जनवरी, 2021से पूर्व की व्यवस्था बनीं रहेगी अथवा नहीं ? सीजीएचएस / आयुष्मान योजना से पैंशनर्स लाभान्वित होंगे अथवा नहीं ?इसका उल्लेख पत्र में कहीं भी नहीं किया गया है। तड़ियाल ने कहा कि यह विकल्प पत्र सरकार की खिसियाहट का द्योतक है मा0 उच्च न्यायालय में तुला सिंह तड़ियाल अध्यक्ष उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन रामगंगा भिकियासैंण बनाम राज्य सरकार एवं अन्य योजित याचिका पर भी 21 दिसंबर, को स्थगन आदेश पारित हो गया था मा0 उच्च न्यायालय से दो-दो स्थगन आदेश पारित हो जाने के कारण सरकार को मजबूरन कटौती बन्द करने के आदेश करने पड़े। न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा था कि पैंशन कोई दान की वस्तु नहीं है यह पैशनर्स का अधिकार है सरकार ने पैंशर्नस की सहमति लिए वगैरह पैंशन से कटौती कर संविधान की धारा 300 ए का उलंघन किया है।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  दुष्कर्म के बाद फरार चल रहा आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने 16 दिन बाद शाहजहांपुर यूपी से पकड़ा

उन्होंने कहा सरकार की हड़बड़ी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, पैंशन से कटौती दिसम्बर महीने से बंद हो गईं और आदेश निकल रहा है 7 जनवरी 2022 को उसमें दिए गए विकल्प पत्र में ‘ नहीं ‘ चयन करने वालोें को क्या सुविधा दी जाएगी इसका कोई प्रावधान विकल्प पत्र में नहीं दिया गया है। एक ओर सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपए तक का इलाज आम लोगों को मुफ्त में मुहइय्या करा रही है वहीं दूसरी ओर पैंशनर्स को ब्रिटिश काल से मिल रही चिकित्सा प्रतिपूर्ति सुविधा से भी वंचित कराने का कुत्सित प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा हम सरकार के मंसूबों को कामयाब नही होने देंगे हमें अपने देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है। उन्होंने सभी पैंशनर्स संगठनों से अपील की है कि, वे सरकार के झांसे में न आएं जब तक सरकार हमें मुक्कमल इलाज की गारंटी नहीं देती और अभी तक काटी गई राशि को मय ब्याज वापस नहीं करती तब तक सरकार को कोई विकल्प पत्र देने का सवाल ही नहीं पैदा होता ।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119