खतरे से खाली नहीं बरेली रोड में रात का सफर -चौड़ीकरण के चलते मार्ग बदहाल, रिफ्लेक्टर और संकेतक भी नहीं -मुंह मोड़े हुए हैं जिम्मेदार, लोगों की जान जोखिम में

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मोटाहल्दू (नैनीताल)। रास्ट्रीय राजमार्ग-87 में मोतीनगर से तीनपानी के बीच बन रही सड़क से जहां दिन में ही दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है, वहीं इस घने कोहरे में रात को यह खतरा और बढ़ रहा है। एक तरफ सरकार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तरह-तरह नुक्से आजमा रही है। साथ ही नए नियम कानून बनाकर नित नए प्रयास कर रही है, लेकिन सड़कों की हालात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है, अगर ऐसे में कोई दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, इस पर प्रशासन व सरकार का ध्यान नहीं है। मोतीनगर से तीनपानी के बीच सड़क चौड़ीकरण का काम महीनों से चल रहा है, लेकिन हाइवे में चलने वाले वाहनों को इस ऊबड़-खाबड़ सड़क में चलना कितना मुश्किल हो रहा है, इसका अंदाजा किसी को भी नहीं है। इस सड़क में दिन में ही चलना किसी दुर्घटना को दावत देने से कम नहीं है। ऐसे में रात को घने कोहरे में वाहन चालकों की क्या स्थिति होगी, यह अंदाजा लगाना मुश्किल है। इस सड़क से प्रतिदिन प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का आना जाना लगा रहता है, बावजूद इसके सभी चुप्पी साधे हुए हैं।

शनिवार रात को इस सड़क में घने कोहरे में सड़क किनारे वाहनों को खड़ा देखा गया है। विदित हो कि एनएचएआई की कार्यदायी संस्था जिस धीमी गति से काम कर रही है, उससें प्रतीत होता है कि कार्यदायी संस्था पर किसी अधिकारी का कोई नियंत्रण नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हल्द्वानी जाते समय सड़क कहीं और है, वापसी में कहां बंद होगी, इसका अंदाजा लगाना सहज नहीं है। जिससे लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। क्योंकि सड़क जहां बंद है वहां पर किसी तरह के रिफ्लेक्टर या संकेत तक नहीं हैं, जिससे अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि सड़क कहां बंद है। यदि ऐसे में कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।  

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