चमोला गांव की प्रीति ने हिंदी, कुमांउनी लोकगीतों में बनाई पहचान-सुनें उनके

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देहरादून। प्रीति चमोला गांव अगस्त मुनी जगोठ रुद्रप्रयाग की रहने वाली है। वर्तमान में देहरादून में रहती है। प्रीति चमोला ने सन 2018 से उत्तराखंड सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपनी भूमिका अदा की। प्रीति चमोला उत्तराखंड की लोकगीतों के अलावा हिन्दी फिल्मी लोकगीतों पर भी अपनी कला प्रस्तुत कर रही है।

चमोला उत्तराखंड की लोकगीत व हिन्दी फिल्मी लोकगीतों के साथ साथ संगीत कला का भी कोर्स कर रही है। प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि चमोला लोकगायिका के ससुर उत्तराखंड संगीत में 25 सालो से काम करते आ रहे हैं। वो बहुत अच्छे लेखक है। उन्होंने गजेन्द्र राणा, पुष्पा, हेमा, मरछाड, मालू आदि को अपने गीत दिये। अपने ससुर की प्रेरणा लेकर प्रिती चमोला गढ़वाली लोकगीत व हिन्दी फिल्मी लोकगीतों को गया करती हैं।

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