दो किमी दूर से सिर पर पेयजल ढोने को मजबूर हैं बंगानी के ग्रामीण
-आजादी के 75 वर्ष बाद भी पानी को तरसते ग्रामीण
-कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुके ग्रामीण
-पेयजल संकट के कारण भी पलायन कर रहे ग्रामीण
-जिला अधिकारी पौड़ी गढ़वाल को ज्ञापन देकर पेयजल समस्या समाधान की मांग की है
देहरादून। उत्तराखंड के ग्राम पंचायत दियुषा का राजस्व ग्राम बँगानी आजादी के 75 वर्ष बाद भी आज पीने पानी के लिए तरस रहा है। ग्रामीणों को अपनी प्यास बुझाने के लिए रोज भगीरथ प्रयास कर दो किलोमीटर दूर से सिर पर पानी ढोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह स्थिति यहां तब है जब पूरे देश में एक ओर ‘घर-घर नल से जल’ योजना चल रही है,लेकिन इस गांव की सुध लेने की किसी को फुर्सत ही नही है। ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में 45 बर्ष पुरानी पेयजल योजना थी। जो समय के साथ पाइप लाइन सड़ गल गयी। जिसके कारण गांव में पीने का पानी का अभाव हो गया। पानी न होने से ही अधिकांश लोग गांव से पलायन कर चुके हैं। अब भी गांव में 25 परिवार निवास कर रहे हैं। यहां के ग्रामीणों ने कई बार अधिशाषी अभियंता जल संस्थान पौड़ी,क्षेत्रीय विधायक,सांसद व मुख्य मंत्री को इस सम्बंध में अवगत कराया लेकिन कहीं से भी ग्रामीणों को पेयजल की समस्या का निदान नही हो पाया है,जबकि एक ही ग्राम पंचायत के गांव दिउषा और कुशियाँ में ब्यास घाट डांडा नाग राजा परियोजना से पानी दिया जा रहा है। गांव बँगानी को पानी से बंचित किया गया है। यह गांव के लोगों के साथ अन्याय है।
ग्रामीण अपनी पीड़ा को लेकर कई बार अधिशासी अभियंता जल संस्थान पौड़ी से मिल चुके हैं लेकिन वे सुनने को तयार नही हैं। कई बार सुशील कुमार जेई वि.क्षेत्र कलजीखाल को भी निवेदन किया है लेकिन वहां से भी कुछ नही हुआ,कोई समाधान नही निकला। अब इस पीड़ा को लेकर ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला अधिकारी पौड़ी गढ़वाल को ज्ञापन दिया है जिसमे ग्राम बंगानी खाल की पेयजल समस्या को हल करने का निवेदन किया गया है।
ग्रामीणों के प्रतिनिधि मण्डल में राजेश थपलियाल,प्रेम प्रकाश थपलियाल, जग मोहन तड़ियाल,विवेकानंद,कुर्मा नंद,ऋषि बल्लभ थपलियाल,जय प्रकाश थपलियाल,प्रदीप थपलियाल आदि शामिल थे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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