लंबी कानूनी लड़ाई के बाद थर्ड जेंडर के तीन सदस्य बने दारोगा, दूसरे विभागों में नौकरी मिलने की बढ़ी उम्मीद

खबर शेयर करें

बिहार में पहली बार थर्ड जेंडर के तीन सदस्य दारोगा बने हैं। बिहार पुलिस अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा जारी सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए अंतिम परिणाम में 1275 सफल उम्मीदवारों में से तीन ट्रांसजेंडर हैं। वैसे, ट्रांस जेंडरों के लिए यह बड़ी उपलब्धि इतनी आसान नहीं थी। इसके लिए उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। इस सफलता के बाद अब उन्हें उम्मीद है कि अन्य विभागों में भी नौकरी मिल सकेगी।


राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद की सदस्य और पटना विश्वविद्यालय की मनोनीत सीनेट सदस्य रेशमा प्रसाद ने आईएएनएस को कहा कि आज हमारे लिए यह बड़ी उपलब्धि है। अगर खुशी है तो एक प्रकार का डर भी है।
उन्होंने बताया कि यह सफलता इतनी आसान नहीं थी। इस कानूनी लड़ाई के दौरान सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था। इसमें कहा गया था कि राज्य में 38 दारोगा और 192 ट्रांसजेंडर की नियुक्ति की जाएगी। इसके तहत तीन ट्रांस जेंडरों का चयन हुआ है।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  लखनऊ में पुलिस मुठभेड़ में एक लाख रुपये का इनामी बदमाश ढेर


हालांकि इन्हें इसका भी डर सता रहा है कि अब आगे की नियुक्तियों को रोका न जाए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अगर योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते हैं तब भी ट्रांस जेंडरों के आरक्षित पदों को रिक्त ही रखा जाए।
वैसे, अब इन्हें अन्य सरकारी विभागों में भी नौकरी की उम्मीद बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अन्य विभागों में होने वाली बहालियों में भी ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने जल्द ही पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  लखनऊ में पुलिस मुठभेड़ में एक लाख रुपये का इनामी बदमाश ढेर


बिहार पुलिस दारोगा भर्ती के कुल 1275 रिक्तियों पर 822 पुरुष, 450 महिला और 3 ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। हालांकि ट्रांसजेंडर के 2 पद खाली रह गए हैं।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119