जैव विविधता को जन सहभागिता है जरूरी-

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एस आर चंद्रा

भिकियासैण। भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय के तत्वाधान मै नमामि गंगे व नौला फाउंडेशन द्वारा राज्य स्तरीय हरेला बायोडायवर्सिटी महोत्सव कार्यशाला का आयोजन आज विकासखंड भिकियासैण के दुर्गम क्षेत्र उत्तमसांणी के राजकीय इंटर कॉलेज मैं किया गया।कार्यशाला में सभी ने एक जुट होकर एक स्वर में कहा कि
मानव संस्कृति तथा पर्यावरण का विकास साथ-साथ हुआ है, हमारी संपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति जैविक रूप से संपन्न हिमालय पारितंत्र द्वारा होती है। स्प्रिंग्स जैव-विविधता के क्षय से न सिर्फ हमारी जीवन, संस्कार व संस्कृति प्रभावित होगी, बल्कि वन्य-जीवन भी प्रभावित होगें,इसीलिए हमें अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक पहचान के लिये जैव-विविधता को फिर से पुनःस्थापित करना होगा।

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जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार और नौला फाउंडेशन सभी को आमंत्रित कर रहा है।
हिमालयी नदियों को सैंकड़ों स्रोतों से पानी प्राप्त होता है, लेकिन स्रोतों के सूखने से आज नदियों का प्रवाह प्रभावित हो चुका है, जैसे जैसे जैव विविधता कम होती जा रही है, जलस्रोत सिकुड़ते जा रहे हैं। हिमालयी इलाकों को जल संकट की इस समस्या से उभरने के लिए हम सभी को एक साथ शुरुआत करनी चाहिए। इस मौके पर नौला फाउंडेशन के भूपेंद्र बिष्ट, गणेश कठायत, प्रधानाचार्य सुषमा अश्विनी कुमार व भानु वर्मा के साथ ही विद्यालय स्टाफ व छात्र-छात्राऐं मौजूद थे।

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