करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपी को यूएई से वापस लाई सीबीआई, जारी हुआ था रेड कॉर्नर नोटिस


नई दिल्ली। गुजरात में दर्ज करोड़ों रुपये के धोखाधड़ी और जालसाजी मामले के मुख्य आरोपी उपवन पवन जैन को सीबीआई इंटरपोल और यूएई के अधिकारियों की मदद से भारत वापस लाने में सफलता हासिल की है.
गुजरात पुलिस द्वारा वांछित जैन दुबई से निर्वासित होने के बाद 20 जून को भारत पहुंचा. सीबीआई ने यूएई में राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) के सहयोग से रेड नोटिस जारी करवाया था. सीबीआई और इंटरपोल के प्रयासों और एनसीबी-अबू धाबी की मदद से पहले ही यूएई में उसकी मौजूदगी का पता चला था.
गुजरात के सूरत के अडाजन पुलिस स्टेशन में उपवन पवन जैन के खिलाफ एक मामला दर्ज है. उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों में नकली पहचान के आधार पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी और मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी शामिल है.
इस संबंध में जारी एक बयान के अनुसार आरोपी उपवन पवन जैन ने अपने सह-आरोपी के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाने और शिकायतकर्ता को धोखा देने की साजिश रची. उस समय आरोपी एक रियल एस्टेट एजेंट के रूप में काम कर रहा था और उसने शिकायतकर्ता को चार अलग-अलग संपत्तियां दिखाई. इसके बाद शिकायतकर्ता को प्रॉपर्टी खरीदने के लिए राजी करवाया.
इसके बाद उसने अपने साथियों की पहचान बदलकर उसे प्रॉपर्टी का असली मालिक बताया. फिर जाली पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उसने असली संपत्ति के मालिकों के नाम पर बैंक खाते खोले. इस धोखाधड़ी के मामले में आरोपी ने शिकायतकर्ता से करीब तीन करोड़ 66 लाख रुपये की ठगी की.
गुजरात पुलिस के अनुरोध के आधार पर 6 मार्च, 2023 को इंटरपोल के माध्यम से जैन के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया था. यूएई में उसकी गिरफ्तारी के बाद भारत के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया.
इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस वांछित भगोड़ों पर नजर रखने के लिए वैश्विक स्तर पर सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजे जाते हैं. हाल कुछ वर्षों में इंटरपोल की मदद से 100 से अधिक वांटेड को भारत वापस लाया जा सका है.



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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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