हाईकोर्ट ने छात्रसंघ चुनाव मामले में सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा
नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश में अब तक छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने के मामले में राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है। मामले की सुनवाई बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। पीठ ने अगली सुनवाई के लिए 18 दिसंबर नियत की है। मामले के अनुसार, किशन सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर सभी प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों को सितंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर छात्रसंघ चुनाव करा लेने को कहा था। लेकिन कई विश्वविद्यालयों ने अक्तूबर तक तो छात्रों के एडमिशन कराए हैं तो सितंबर में चुनाव कैसे हो सकते हैं।
याचिका में कहा है कि सरकार का यह आदेश गलत है, इस पर रोक लगाई जाए। राज्य सरकार ने लिंगदोह समिति की रिपोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश, लिंगदोह समिति की रिपोर्ट और यूजीसी की नियमावली में स्पष्ट कहा गया है कि हर विश्वविद्यालय का अपना एक शैक्षणिक कैलेंडर होगा। उसी के आधार पर सभी कार्यक्रम निर्धारित होंगे। एडमिशन होने के आठ सप्ताह के बाद छात्रसंघ के चुनाव भी होंगे। यहां राज्य सरकार ने समिति की रिपोर्ट, यूजीसी के नियमों एवं विश्वविद्यालयों की नियमावली का उल्लंघन कर आदेश पारित कर दिया। सितंबर तक चुनाव कराने की तिथि तक नियत कर दी। याचिका में कहा है कि जब अक्तूबर तक एडमिशन हुए हैं, तो सितंबर में बिना छात्रों के चुनाव कैसे संभव हैं? याचिका के अनुसार, राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर निर्धारित करे। यह अधिकार केंद्र सरकार और यूजीसी को है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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