बड़ी खबर-प्रदेश में समान नागरिक संहिता पर बड़ा फैसला-धामी सरकार ने ड्राफ्टिंग कमेटी का किया गठन- देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड-

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देहरादून-धामी सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा फैसला लेते हुए ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन कर दिया है। दरअसल, इस कमेटी में 5 सदस्यों को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रुप से पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है।यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कमेटी गठित किए जाने के बाद उत्तराखंड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए पहल शुरू कर दी है।

समान नागरिक संहिता का मतलब धर्म और वर्ग आदि से ऊपर उठकर पूरे देश में एक समान कानून लागू करने से होता है। समान नागरिक संहिता लागू हो जाने से पूरे देश में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे सामाजिक मुद्दे सभी एक समान कानून के अंतर्गत आ जाते हैं। इसमें धर्म के आधार पर कोई अलग कोर्ट या अलग व्यवस्था नहीं होती।

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क्या है समान नागरिक संहिता

समान नागरिक संहिता का अर्थ एक ऐसे कानून से है जो धर्मनिरपेक्ष हो, जो किसी भी जाति या धर्म से ऊपर उठकर एक देश का सभी नागरिकों के लिए समान हो। इसको सभी जाति मज़हब के लिए समान होने के कारण उसे धर्म निरपेक्ष कानून भी कहा जाता है।

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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य की मानता है। इसके आने के बाद सभी धर्मों के पर्सनल लॉ बोर्ड समाप्त हो जाएंगे और सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून बनाए जा सकेंगे और साथ में सभी के लिए अलग अलग अदालतों की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

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