राजा हरीश चंद्र की सत्यवादिता से लेनी चाहिए सीख, तुलसी की आराधना व पूजा से मिटते हैं दुःख
बुधवार 3 मई को पारायण व महाभंडारे के साथ कथा का समापन-
सभी भक्तों से महा भंडारे में प्रसाद गृहण करने का आग्रह — मंदिर कमेटी
कविता रावल
गंगोलीहाट के प्रसिद्ध चामुंडा मंदिर धाम में श्रीमद् देवी भागवत कथा के नवे दिन मंगलवार को भारी बारिश के बावजूद कथा सुनने को भक्तों का तांता लगा रहा । वही नित्य की भांति मंदिर के पुरोहित गिरीश चंद्र जोशी ने मुख्य यजमान विरेंद्र सिंह बोरा को सपत्नीक विधि विधान से मां चामुण्डा एवं भैरव देवता का पंचामृत स्नान के पश्चात पूजा अर्चना कराई। वहीं कई विद्वान ब्राह्मणों द्वारा प्रतिदिन मंदिर में देवी का पाठ किया जा रहा है । दोपहर 2 बजे से प्रतिदिन की भांति भागवत कथा के नवे दिवस पर कथा के व्यास योगेंद्र प्रसाद जोशी “नवल “ने सत्यवादी राजा हरीश चंद्र की सत्यवादिता का वृतांत सुनाते हुए कहा कि उनकी सत्यवादिता से मनुष्य को सीख लेनी चाहिए और गंगा माँ की उत्पत्ति का सुंदर वर्णन किया , सत्यवान सावित्री की कथा को विस्तार से समझाया तथा पतिव्रत धर्म का निर्वहन कैसे करना चाहिए उस पर प्रकाश डाला ।प्रतिदिन की तरह भागवत कथा प्रवचन समाप्ति के बाद कन्यापूजन व ब्रह्मभोज के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है ।भंडारे मे सैकड़ों लोग प्रसाद गृहण कर रहे हैं।
वही रात्रि में दूर दूर से भजन गायकों की टोलियां मंदिर में भजन कीर्तन के आयोजन में शामिल हो रही हैं जिससे रात भर मंदिर व उसके आस पास का क्षेत्र भक्तिमय हो रहा है । भागवत कथा में हनेरा गांव सहित क्षेत्र के युवा दिन रात सेवा में जुटे हैं । श्रीमद् देवी भागवत कथा का पारायण बुधवार 3 मई को पूर्णाहुति , कन्यापूजन व महाभंडारे के साथ होगा । चामुंडा मंदिर कमेटी ने सभी लोगो से पारायण के दिन महाभंडारे में शामिल होकर प्रसाद गृहण कर पुण्य का भागी बनने का आग्रह किया है ।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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