पीआईएल के बहाने साजिश रचने वालों ने हाईकोर्ट में मुंह की खाई, कोर्ट ने पीआईएल से सीएम, केंद्र सरकार, केंद्रीय एजेंसियों समेत सभी पूर्व स्पीकर के नाम किए बाहर, विधानसभा को ही बना डाला पार्टी
देहरादून। विधानसभा भर्ती को लेकर पीआईएल के जरिए पीएम मोदी, सीएम पुष्कर धामी, केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की साजिश रचने वालों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा। हाईकोर्ट ने इस पीआईएल के जरिए रची गई साजिश की बू को सूंघ लिया। और एक झटके से पीआईएल से सीएम, केंद्र सरकार, केंद्रीय एजेंसियों समेत सभी पूर्व स्पीकर के नाम को बाहर कर दिया।
उल्टा विधानसभा को ही पार्टी बनाकर पूरा खेल ही पलट दिया। हाईकोर्ट के इस आदेश से सीएम पद की कुर्सी पर टकटकी लगाए बैठे कई धुरंधरों और साजिशकर्ताओं को एकबार फिर मुंह की खानी पड़ी है। उल्टा ये तमाम षड्यंत्रकारी पार्टी आलाकमान के सामने भी एक्सपोज हो गए हैं।
लगातार उत्तराखंड की सरकारों को अस्थिर करने वाले दिल्ली में बैठे गैंग को उम्मीद थी की विधानसभा भर्ती मामले में सीएम पुष्कर धामी, केंद्र सरकार समेत केंद्रीय एजेंसियों को नोटिस जारी होने पर केंद्र स्तर पर बड़ा विवाद खड़ा होगा। मामला मीडिया की सुरखियां बनेगा।
इस बहाने राज्य सरकार को हिलाने की एकबार फिर कोशिश की जाएगी। यही वजह रही, जो पीआईएल की कॉपी हाईकोर्ट में मंजूर होने से पहले ही षड्यंत्रकारी गैंग के हाथों में नाचने लगी। सभी मंगलवार को हाईकोर्ट से पीआईएल स्वीकार होने और सीएम धामी समेत सभी केंद्रीय एजेंसियों के पार्टी बनने और नोटिस जारी होने के इंतजार में थे।
कई दिन से माहौल बनाया जा रहा था। देहरादून से दिल्ली तक हिलाने की प्लानिंग और स्क्रिप्ट तैयार की जा रही थी। लेकिन ये तमाम चौबे जी, जो छब्बे जी बनना चाह रहे थे, सब के सब उल्टा दुबे जी ही बनकर लौट गए। और एक मैडम के साथ तो बार बार तिमला का तिमला खती गई और नाँगी का नांगीं दिखी गई, वाली कहावत चरितार्थ हो रही।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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