मास्टर माइंड अब्दुल मलिक पर लगी यूएपीए धारा, आजीवन कारावास की सजा तक का प्रावधान

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हल्द्वानी। हिंसा का मास्टर माइंड अब्दुल मलिक इस समय पुलिस कस्टडी में है, उसे लगातार पुलिस अलग-अलग एंगल से पूछताछ कर रही है। एसएसपी ने बताया कि जो एफआईआर रजिस्टर की गई है, उसमें अब्दुल मलिक पर गैर कानूनी गतिविधियों की यूएपीए धारा को शामिल किया गया है। हल्द्वानी हिंसा में 19 नामजद आरोपियों में से एक आरोपी अब्दुल मोहिद जो मास्टर माइंड अब्दुल मलिक का बेटा है, वह अभी फरार चल रहा है।

क्या है यूएपीए धारा-

अब्दुल मलिक पर यूएपीए भी लगाया गया है। इस धारा के तहत पुलिस मलिक को 30 दिन की पुलिस हिरासत में ले सकती है। यूएपीए को वर्ष 1967 में लागू किया गया था। इसे वर्ष 2004 और वर्ष 2008 में आतंकवाद विरोधी कानून के रूप में संशोधित किया गया। अगस्त 2019 में संसद ने कुछ आधारों पर व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए यूएपीए (संशोधन) बिल, 2019 को मंजूरी दी।

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लॉ के जानकारों ने बताया कि यूएपीए के तहत उन लोगों पर कार्रवाई की जाती है, जो आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होते हैं। यूएपीए की धारा-15 आतंकी गतिविधि को परिभाषित करती है। इस कानून के तहत कम से कम पांच साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। अगर आतंकी घटना में किसी की जान चली जाती है तो दोषी व्यक्ति को सजा-ए-मौत या फिर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। अगर कोई भी व्यक्ति आतंक फैलाने के मकसद से देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा और संप्रभुता को खंडित करने की कोशिश करता है या फिर देश या देश के बाहर भारतीयों के साथ आतंकी घटना करने की कोशिश करता है तो वह यूएपीए कानून के दायरे में आएगा।

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