ढिकुली के एक रिसॉर्ट में निकला दुर्लभ प्रजाति का साँप:-

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रामनगर। रात्रि 10 बजे करीब ढिकुली के एक रिसॉर्ट में वन विभाग को एक साँप के होटल परिसर में होने की सूचना दी गई। जिसके उपरान्त “सेव द स्नेक” संस्था की टीम को सूचना दी गई । सूचना मिलते ही “सेव द स्नेक” की टीम के संरक्षक जितेंद्र पपनै व उनकी टीम में सर्प विशेषज्ञ चंद्रसेन कश्यप और विक्की कश्यप, अर्जुन कश्यप, किशन कश्यप, अनुज कश्यप आदि रिसॉर्ट पहुंचे।
जहां पर सेव द स्नेक टीम को एक दुर्लभ प्रजाति का साँप दिखाई दिया। जिसे ‘येल्लो बेंडेड करैत’ के नाम से जाना जाता है। सर्प विशेषज्ञ चन्द्रसेन कश्यप के अनुसार ये साँप 30 वर्ष बाद रामनगर आबादी क्षेत्र में दिखाई दिया है। यह एक विषैला साँप है, जो जैव विविधता में अपना योगदान देता है।साँपो की संख्या को नियंत्रित रखता है। यह छोटे विषैले सांपों को खाकर जैव विविधता में अपनी भूमिका अदा करता है। इसके काटने से मृत्यु निश्चित है किन्तु 30 वर्षों में अभी तक इसके काटने की कोई भी घटना सामने नहीं आई है।

यह साँप रात्रि में ही भ्रमण पर निकलता है दिन में छिपा रहता है। साथ ही यह सामान्यतः वार नहीं करता है और बहुत शर्मीले स्वभाव का होता है। इस साँप की पहचान बहुत सरल है, इसके शरीर पर काले और पीले पट्टे (बैंड) बने होते है, जिसकी वजह से इसे पहचान पाना सरल है।
चंद्रसेन कश्यप ने बताया कि इस करैत सांप के बदन पर 33 पट्टियां काली और 33 पट्टियां पीली हैं, इसके 13वी काली पट्टी केवल बाएं हाथ की तरफ ही हैं, अर्थात आदा बैंड ही है इसकी लंबाई 5 फिट 2 इंच है। जो भविष्य में कॉर्बेट के जंगल में इसकी उपस्थिति व क्षेत्र में चाल चलन को जानने में मददगार रहेगी।

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