विज्ञानशाला ने चुने पिथौरागढ़ और चंपावत से 50 नए स्टेम चैंपियंस-

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गंगोलीहाट से हरगोविंद रावल

स्टेम चैंपियंस 1.0 की अपार सफलता के बाद विज्ञानशाला ने पिथौरागढ़ व चंपावत जिले के 50 छात्र-छात्राओं को चयनित कर स्टेम चैंपियन्स 2.0 की शुरुआत की। इस प्रोग्राम के माध्यम से विज्ञानशाला पर्वतीय क्षेत्रों में अध्ययनरत मेधावी छात्र-छात्राओं को विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने हेतु दिशा-निर्देश, जरुरतमंद छात्रों को छात्रवृत्ति तथा देश विदेश के वैज्ञानिको के द्वारा विभिन्न प्रयोगों, क्रियाकलापों व प्रोजेक्टों हेतु आवश्यक वैज्ञानिक निर्देशन प्रदान करती है। पिछले वर्ष विज्ञानशाला ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बेरीनाग के छात्र-छात्राओं के साथ इस प्रोग्राम की शुरुआत की, जिनमें से 10 छात्र-छात्राएं वर्तमान समय तक विज्ञानशाला के दिशा-निर्देश पर अन्तराष्ट्रीय वैज्ञानिकों एवं कम्पनियों के साथ प्रोजेक्ट्स, क्रियाकलाप व इंटर्नशिप कर रहे हैं।


स्टेम चैंपियंस 2.0 की चयन प्रक्रिया फरवरी माह से प्रारंभ हुई थी। फरवरी में बेरीनाग, चंपावत, पिथौरागढ़ व नारायणनगर महाविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा आयोजित की गयी तथा मार्च में सभी महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं का साक्षात्कार विज्ञानशाला टीम के द्वारा किया गया। बहुचरणीय चयन प्रक्रिया के तहत अप्रैल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 50 मेधावी छात्र-छात्राओं को चयनित कर परिणाम घोषित किया गया. शुक्रवार को विज्ञानशाला ने नए स्टेम चैंपियंस हेतु ऑनलाइन प्रेरण समारोह का आयोजन किया, जिसमें चारों महविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक व सभी चयनित छात्र-छात्राओं के साथ विज्ञानशाला टीम के सभी सदस्य उपस्थित थे।

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इस अवसर पर बेरीनाग महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सी डी सूंठा ने स्टेम चैंपियन प्रोग्राम की प्रशंसा करते हुए कहा- “स्टेम चैंपियंस, विज्ञानशाला इंटरनेशनल द्वारा संचालित एक बहुआयामी प्रोग्राम है, जिसके माध्यम से हमारे छात्र-छात्राएं निरंतर लाभान्वित हो रहे हैं। यह प्रोग्राम उत्तराखंड के प्रत्येक महाविद्यालय में संचालित किया जाना चाहिए ताकि हमारे छात्र-छात्राओं द्वारा किये गए अन्वेषण व आविष्कार न केवल भारत, अपितु पूरे विश्व के लिए उपयोगी सिद्ध हों।”

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विज्ञानशाला के संस्थापक डॉ विजय वेनुगोपालन ने कहा कि जो छात्र-छात्राएं इस वर्ष अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उन्हें अगले 3 वर्षों तक विज्ञानशाला से वैज्ञानिक दिशा-निर्देश व छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी तथा देश-विदेश के महाविद्यालयों में विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन व शोध हेतु मार्गदर्शन व सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही छात्रों की विज्ञान में बेहतर समझ के लिए हम जल्द ही एक विशेष शिविर का आयोजन करेंगे, जिसमे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को आमंत्रित करेंगे।

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