गाय, कुत्तों को पहला व अंतिम ग्रास खिला रहा काशी का रोटी एटीएम

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वाराणसी 06 फरवरी। आपने पैसा निकलने वाले एटीएम के बारे में तो बहुत सुना होगा, लेकिन क्या रोटी एटीएम के बारे में जानते है। जी हां, भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसे काशी में एक रोटी एटीएम है। इसको चलाने वाली संस्था ग्रूट गार्जियंस ने यह केवल आपकी सहूलियत के लिए चला रखा है। भोजन बनाते समय पहली रोटी का ग्रास गाय तक पहुंचा रही है। अंतिम रोटी के रूप में श्वान (कुत्ता) को खिलाया जाने वाला ग्रास भी उस तक पहुंचाने में आपकी मदद कर रहा है।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कुछ नौजवानों का मानना है कि सनातनी परंपरा के साथ बेजुबानों का पेट भरा जाए। इसीलिए गौरव राय ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर ग्रूट गार्जियंस नामक संस्था बनाई जो कि गली में घूम रहे कुत्ते और आवारा भूखे पशुओं का पेट भर सके। यह कारवां बढ़ अब 40 नवयुवकों तक पहुंच गया है।


संस्था के अध्यक्ष गौरव राय ने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा उनके मित्र सिद्धार्थ सिंह से मिली जो कि एक रोड ऐक्सिडेंट में इस दुनिया से अलविदा कह गए। वो पशु प्रेमी थे। भूखे जानवरों को जहां देखते उन्हें बिस्किट और गुड़ आदि खिलाते थे। उनके अचानक निधन के बाद हम और हमारे मित्रों ने एक रोटी एटीएम शुरू किया है। जिसमें एकत्रित भोजन को हम गली के कुत्तों और निराश्रित गायों को खिलाते हैं। अभी पहला रोटी एटीएम पंडयेपुर के बांके बिहारी के एक सोसाइटी में लगाया है। जिसमें तकरीबन 100-150 रोटी जमा हो रही है। अब अगला एटीएम शिवपुर में लगाने जा रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि आगे चलकर बारात घरों, स्कूलों, होटलों और मंदिर में लगाया जाएगा जिससे अन्न की बरबादी न हो और बेजुबानों को भोजन मिल सके। इस कार्य में हमारा सहयोग कर रहे हैं प्रज्वल, हर्ष, अमन, मृत्युंजय, विकास, कविश, सदास, अविनाश, शिवानी, तूलिका, अक्षरा, कृतिका, हिमालय, निहाल समेत 40 से अधिक स्वयंसेवक है।

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प्रज्वल ने बताया कि संस्था की शुरूआत 2019 में हुई थी। कोरोना महामारी के दौरान भी हम लोग आवारा पशुओं को खाना खिलाते थे और राशन भी बांट रहे थे। हमारी टीम लगातार लावारिस पशु कल्याण, बाल और महिला शिक्षा, और पर्यावरण की रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है। पशुओं के लिए और भी काम कर रहे हैं।

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