हाईकोर्ट ने स्टोन क्रेसर के संचालन पर लगी रोक को आगे बढ़ाते हुए सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य पक्षकारों से छह सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा

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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर के उदयपुरी चोपड़ा में संचालित बालाजी स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने स्टोन क्रेसर के संचालन पर लगी रोक को आगे बढ़ाते हुए सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य पक्षकारों से छः सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुवाई छः सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।      

मामले के अनुसार रामनगर के समाजिक कार्यकर्ता अजीत सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रामनगर के उदयपुरी चोपड़ा में सरकार ने बालाजी स्टोन स्टोन क्रेसर इंडस्ट्रीज को स्टोन क्रेशर लगाने की अनुमति 2021 में दी गयी। यह स्टोन क्रेशर पीसीबी के मानकों को ताक में रखकर स्थापित किया गया। 2021 के  मानकों के अनुसार स्टोन क्रेशर को आबादी क्षेत्र से 300 मीटर दूर स्थापित किया जाना था। जहां यह स्टोन क्रेशर लगाया गया है इसके सौ मीटर दूरी पर एक मकान व ढाई सौ मीटर की दूरी पर कई मकान है। याचिकर्ता का कहना है कि जो मकान 100 मीटर की दूरी पर है उसने स्टोन क्रेशर मालिक को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया जबकि अन्य ने नही दिया। जिसके आधार पर सरकार ने स्टोन क्रेशर का लाइसेंस दे दिया। जब सरकार से इसके बारे में पूछा गया तो सरकार ने कहा कि स्टोन क्रेशर लगाने के लिए दूरी का मानक लागू नही है बाकि सभी मानक लागू है। याचिकर्ता का कहना है कि  पीसीबी के मानकों के अनुसार स्टोन क्रेशर आबादी क्षेत्र से 300 मीटर दूर लगाए जाए। परन्तु सरकार ने इसे अनुमति कैसे दी । इस पर रोक लगाई जाए।

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