चितई स्थित श्री गोलू मंदिर में पशुबलि के लिए लाए गए दो बकरे वापस लौटाए
अल्मोड़ा। गायत्री परिवार अल्मोड़ा के सदस्यों द्वारा चितई स्थित श्री गोलू मंदिर में नवरात्रि की पंचमी तिथि को भी पशुबलि के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाया गया। श्रद्धालुओं को मंदिरों में पशु बलि पर पूर्ण रोक संबंधी उच्च न्यायालय के आदेशों से अवगत कराया तथा फल, फूल, नारियल से सात्विक पूजा की अपील की गई। गायत्री परिवार वालों ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे कुप्रथा से धन बचाकर मंदिर के शौचालयों आदि में स्वच्छता व जल की व्यवस्था में सहयोग करके पुण्य अर्जित कर सकते हैं। लिए शुद्ध पेयजल की में सहयोग कर सकते हैं। गायत्री परिवार की डॉ० मीनाक्षी पाण्डेय ने कहा कि बलि की अपेक्षा नारियल अर्पित करना सब से पुण्यदायी है। भविष्य की पीढ़ी को संस्कारवान बनाने हेतु मंदिरों को पशुबलि की कुप्रथा से पूरी तरह मुक्त करने हेतु जागरुक जनता को आगे आना चाहिए।
ग्राम मल्ली रियूनी, मजखाली के आनन्द सिंह अधिकारी पशुबलि के लिये लाए गए दो बकरों को वापस ले गए। उन्होंने यह भी संकल्प किया कि वे अपने गाँव-क्षेत्र में पशुबलि के खिलाफ जनजागरण करेंगे और उनके गाँव से अब कोई भी भविष्य में पशुबलि हेतु मंदिर में बकरा नहीं लाएंगे। जनजागरण हेतु सरोज भट्ट, प्रेमा काण्डपाल डॉ. नेगी, निर्मला अधिकारी, बलवन्त अर्जुन नेगी, पूरन चन्द्र काण्डपाल, भीम सिंह अधिकारी, मीनाक्षी पाम, ममता बिष्ट, डॉ0 जे. सी. दुर्गापाल आदि शामिल रहे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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