उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ की पदोन्नति पर शासन से हस्तक्षेप कर तत्काल स्थिति स्पष्ट करने की मांग-

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देहारादून – ऑडिट विभाग में वर्षों से खाली पदों पर पदोन्नति हेतु निर्धारित सेवा अवधि पूर्ण करने के बावजूद कार्मिकों की पदोन्नतियाँ लटकी हैं ।वर्ष 2015 के बाद लेखा परीक्षा अधिकारी के पद रिक्त होने के बावजूद दर्जनों कार्मिक बगैर पदोन्नति के रिटायर हो चुके हैं । चयन वर्ष 2021-22 हेतु लेखा परीक्षा अधिकारी के 4 पद रिक्त हैं । इन पदों पर पदोन्नति की आस लगाए 4 कार्मिको में से एक की सेवानिवृति में अब मात्र 19 दिन शेष हैं । रिटायर होने वाले कार्मिक द्वारा इन पदों पर पदोन्नति हेतु दिये गए अंतिम अनुरोध पत्र के जवाब में ऑडिट निदेशालय द्वारा इन पदों को सीधी भर्ती का बताया है । पदोन्नति की आस पर तुषारापात करने वाले निदेशालय के प्रत्युत्तर से नाराज उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ ने दावा किया है कि ये 04 रिक्त पद पदोन्नति के हैं । संघ ने इस पर शासन से हस्तक्षेप कर तत्काल स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
निदेशालय का कहना है कि ढांचे में लेखा परीक्षा अधिकारी के कुल 28 पद स्वीकृत हैं सेवानियमावली के अनुसार आधे पद सीधी भर्ती से तथा आधे पद पदोन्नति से भरे जाने हैं । चयन वर्ष 2019-20 में लेखा परीक्षा अधिकारी के पदोन्नति व सीधी भर्ती के कुल रिक्त पदों पर उन सहायक लेखा परीक्षा अधिकारियों को एक बार पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है जिन्हें चयन वर्ष की पहली तिथि को पाँच वर्ष पूर्ण हों । इस आधार पर 28 जनवरी 21 को 15 रिक्त पदों के सापेक्ष पात्र 14 कार्मिकों की पदोन्नति हुई । बताया गया है कि बर्तमान में 28 में से 24 कार्यरत हैं जिसमें से 7 पद सीधी भर्ती से तथा 17 पद पदोन्नति से भरे हुए है । पदोन्नति से भरे जाने वाले 14 पदों में से 17 कार्यरत बताए गए है । संघ का कहना है कि वर्ष 2016 में स्वीकृत ढांचे में लेखा परीक्षा अधिकारी के 50 पद स्वीकृत थे लेकिन इस ढांचे को लागू किए बिना वर्ष 2018 में अप्रत्याशित रूप से नया ढांचा बना दिया जिसमें 50 के स्थान पर 28 पद कर दिये । नए ढांचे में पदोन्नति के अवसर कम होने पर 3 जून 19 को सचिव वित्त के साथ हुई वार्ता में तय हुआ कि कार्यरत समस्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारियों को लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर वन टाइम पदोन्नति दी जाएगी । इसी समझोते के तहत जनवरी21 में जो पदोन्नति हुई उसमे पदोन्नति के मूल आधार ज्येष्ठता को नजरंदाज करते हुए पात्रता सूची बनाई गई जिससे 1 जुलाई 19 को पाँच साल पूर्ण करने वाले तो पदोन्नत हो गए और 2 जुलाई को पाँच साल पूर्ण करने वाले 4 कमिकों में से 3 कार्मिक वरिष्ठ होने के बाद भी पदोन्नति से वंचित हो गए।


जनवरी 21 में हुई 14 की पदोन्नति मे से 7पदोन्नति के तथा 7 सीधी भर्ती के सापेक्ष थे । बर्तमान में जो 4 पद रिक्त है वह पदोन्नति के पदों के सापेक्ष रिक्त हैं लिहाजा इन्हें पदोन्नति के जरिये ही भरा जाना चाहिए । संघ का आरोप है कि गलत मंशा के कारण निदेशालय द्वारा पदोन्नति के पदों को सीधी भर्ती का बताया गया है । संघ ने सवाल उठाया है कि निदेशालय के अनुसार अगर ये पद सीधी भर्ती के हैं तो अब तक इन्हें भरे जाने हेतु अधियाचन क्यों नहीं भेजा गया और क्यों इन पदों को सस्पेंस में रखा गया ।
रमेश चन्द्र पाण्डे
अध्यक्ष

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