पेपर लीक जैसी संगीन घटना सरकारी तंत्र की विफलता का प्रमाण : ख़ष्टी बिष्ट

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भवाली । उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा रविवार को राज्य के तेरह ज़िलों में एक साथ प्रारंभ हुई, लेकिन परीक्षा शुरू होने के मात्र आधे घंटे बाद ही पेपर लीक होने की ख़बरें सामने आने लगीं। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ख़ष्टी बिष्ट ने इसे सरकारी तंत्र की स्पष्ट विफलता बताया है।

खष्टी बिष्ट ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं को इस तरह छला गया हो। वर्षों से युवा दिन-रात मेहनत करके प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। वे कठिन परिस्थितियों में रहकर, आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए भविष्य की उम्मीद में मेहनत करते हैं, लेकिन बार-बार नकल माफिया और भ्रष्ट तंत्र के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता है।

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उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक परीक्षा या पेपर लीक का नहीं, बल्कि पूरे सरकारी तंत्र की जवाबदेही का है। नकल गिरोहों के सक्रिय होने की बात कहकर सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकती। क़ानून और व्यवस्था बनाए रखना शासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

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खष्टी बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड में शासन के कार्यकाल में अपराधी बेलगाम हो गए हैं। अलग-अलग श्रेणियों के अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार युवाओं को केवल धोखा ही दे रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर युवाओं को गुमराह करने वाले गिरोहों पर अब तक सख़्त कार्रवाई क्यों नहीं हुई? सरकार कब तक युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करती रहेगी?

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उन्होंने मांग की कि इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच हो, दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर कठोर सज़ा दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए पारदर्शी और ठोस व्यवस्था लागू की जाए।

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