निजी फिटनेस सेंटर पर जांच के नियमों से चालक और वाहन मालिकों की बढ़ी मुश्किलें
हल्द्वानी। वाहनों की जांच के लिए बनाया गया निजी फिटनेस सेंटर चालक और वाहन मालिकों के लिए परेशानियों का कारण बन रहा है। जांच के लिए जहां एक ओर उन्हें पहले से ज्यादा राशि देनी पड़ रही है, वहीं वाहन का परमिट निरस्त होने का डर बना हुआ है। जांच के दौरान कमियों को ठीक करने के लिए एक दिन का भी अतिरिक्त समय नहीं दिया जा रहा। निजी और व्यावसायिक वाहनों की जांच का काम परिवहन विभाग ने पूरी तरह से निजी फिटनेस सेंटर के हवाले कर दिया है। जांच की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है। वहीं सेंटर में जांच के दौरान वाहन में कमियां पाए जाने पर उसी दिन अयोग्य घोषित कर दिया जा रहा है। कमियों को दूर कर दूसरे दिन जांच के लिए आने पर फिर से अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है। जबकि पूर्व में कमियों को दूर करने के लिए एक दिन का समय दिया जाता था। अब एक वाहन की जांच के लिए कई बार शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है। केवल उसी दिन कमियां दूर करने पर छूट मिल रही है।
चार बार फेल होने पर परमिट होगा निरस्त: जांच केंद्र में लगातार चार बार वाहन को अयोग्य घोषित किए जाने पर विभाग से जारी परमिट भी निरस्त किए जाने का नियम लागू किया है। वाहन मालिकों के अनुसार जांच के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया में आधे से ज्यादा वाहनों के सामने परमिट निरस्त होने का खतरा बना हुआ है। उनकी रोजी रोटी का साधन छिनने का खतरा बना हुआ है।
जांच के दौरान वाहन स्वामी को किया जा रहा बाहर: निजी फिटनेस सेंटर पर वाहनों की जांच के लिए निर्धारित जगह पर जाने पर चालकों के जाने पर रोक लगाई गई है। ऐसे में उन्हें जांच के दौरान अपनाई जा रही प्रक्रिया की भी जानकारी नहीं मिल रही है। जिससे जांच रिपोर्ट पर भी चालक आशंकाएं जता रहे हैं। पूर्व में मालिक और चालक को जांच प्रक्रिया में शामिल किया जाता था।
फिटनेस सेंटर की व्यवस्थाएं ठीक करने के निर्देश दिए गए है। केंद्र में चालक और मालिक के अतिरिक्त बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। – संदीप सैनी, संभागीय परिवहन अधिकारी
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें
👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119
संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
www.fastnewsuttarakhand.com