मां के संघर्ष ने दिखाई बेटी को राह, बनेगी डाक्टर, पड़े एक मां के संघर्ष की कहानी

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देहरादून। मां न सिर्फ जीवनदायिनी है, बल्कि अपने बच्चों के सुख-दुख की साथी भी है। नीट में 700 अंक प्राप्त करने वाली भंडारीबाग निवासी वरीशा की सफलता में भी मां मुमताज का बड़ा योगदान है। जिन्होंने खुद के संघर्ष से बच्चों को इस काबिल बनाया कि अब पूरे परिवार को उन पर नाज है।

वरीशा ने बताया कि उनकी मां ने अकेले दम पर उसे और बहन को पढाया लिखाया और हर जरूरत पूरी की। मां ने एक बेकरी में काम करना शुरू किया। आमदनी बहुत ज्यादा नहीं थी, पर बेटियों की शिक्षा में कोई कसर उन्होंने नहीं छोड़ी। बेटियों ने भी उन्हें निराश नहीं किया।

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वरीशा ने 2023 में एसजीआरआर बांबे बाग से 95.8 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं की, इसके बाद पूरी शिद्दत से मेडिकल की तैयारी की। जिसमें उनका मार्गदर्शन अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा ने किया। उनकी बड़ी बहन अलफशा एमएससी कर रही हैं, वहीं वरीशा ने जेईई मेन भी दिया था। जिसमें उन्हें 98.4 प्रतिशत अंक मिले, वे अब जेईई एडवांस के भी रिजल्ट का इंतजार कर रही हैं।

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