मानिला पी.जी. कॉलेज में “नशे की रोकथाम को बनाए गए नियम एवं कानून का विश्लेषण” विषय पर व्याख्यान का आयोजन

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अल्मोड़ा। बुधवार को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुणीधार मानिला (अल्मोड़ा) में एंटी ड्रग प्रकोष्ठ के द्वारा नशा मुक्ति उत्तराखण्ड अभियान को सफल बनाने हेतु “नशे की रोकथाम हेतु बनाए गए नियम एवं कानून का विश्लेषण” विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता रसायन विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आशीष उपाध्याय थे।

सभी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने एन.डी.पी.एस अधिनियम 1985 के विषय में बेहद सरल शब्दों में उसका विश्लेषण करते हुए बताया कि किस प्रकार भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी, उत्पादन एवं प्रयोग को इस अधिनियम के द्वारा विनियमित एवं नियंत्रित किया गया है। तथा गैरक़ानूनी तरीके से इन नशीले पदार्थों का सेवन तस्करी एवं उत्पादन करना अपराध है तथा इसके लिए कौन-कौन सी सजा या जुर्माना निर्धारित किया गया है।

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कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. गोरखनाथ ने संबोधित करते हुए छात्र-छात्राओं को नशा न करने तथा अपने आसपास के क्षेत्र को नशा मुक्त बनाने हेतु संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया। और साथ ही अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कविंद्र भट्ट ने संबोधित करते हुए नशीले पदार्थों की तस्करी के राष्ट्रीय सुरक्षा पर पढ़ने वाले दुष्प्रभाव के विषय में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शोधार्थी चित्रेश त्रिपाठी तथा बी.एस-सी. छठे सेमेस्टर की छात्रा वंदना शर्मा द्वारा भी अपने विचार प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन एंटी ड्रग्स प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. रेखा के द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

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