अहंकार से पद व मान का सर्वनाश हो जाता है

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भागवत में उमड़ रही सैंकड़ों महिला भक्तों की भीड़


कविता रावल
गंगोलीहाट खतेडा गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत के छठे दिवस पर कथावाचक आचार्य किशोर जोशी ने गज ग्राह उद्धार, गमन रुप लेकर बली को छलना, पूतना मोक्ष, भगवान कृष्ण का नामकरण, माखन चोरी लीला, गोकुल से वृंदावन गमन, महारास, कंस वध व रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया। जोशी ने कहा अहंकार से पद व मान का सर्वनाश हो जाता है। समुद्र को अपने रत्नों का अहंकार था। तब समुद्र मंथन में सभी रत्न निकाले गए। जिससे समुद्र का अहंकार नष्ट हो गया।

वहीं कहा संगति यदि अच्छी हो तो दुष्ट भी पूजा जाता है। संगति खराब हो तो संयासी का भी पतन हो जाता है। संगीतमय भागवत कथा में हारमोनियम में गणेश कांडपाल, तबले में अंकित जोशी संगत दे रहे हैं। देर रात तक को महिलाओं व पुरुषों द्वारा भजनों का आनंद लिया जा रहा है। कथा यजमान गोविंद बल्लभ उप्रेती, दीपक उप्रेती, मोहन उप्रेती, जगदीश उप्रेती व समस्त उप्रेती परिवारजनों ने भक्तों से नियमित कथा सुनने की अपील की है। कथा का पारायण , पूर्णाहुति व भंडारा शुक्रवार को होगा।

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