उद्यम से ही कार्य सिद्ध होता है मनोरथ से नही : ब्यास दीपक कृष्ण महाराज

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21 वर्षीय ब्यास जी के उद्बोधन से श्रोता हुए गदगद
-श्रीमद भागवत कथा में उमड़ी महिलाओं की भीड़

कविता रावल
विश्व प्रसिद्ध महाकाली मंदिर में श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिवस पर कथा के ब्यास दीपक कृष्ण महाराज ने पूतना वध , कृष्ण जी का नामकरण संस्कार,गोपियों के साथ कृष्ण की माखन चोरी की लीला , कृष्ण का वृंदावन आना , गय्या चराना,कलिया मर्दन , गिरिराज जी की तलहटी में आना , गोवर्धन पूजा का विस्तार से वर्णन किया । 22 वर्षीय ब्यास जी ने कहा कि उद्यम से ही कार्य सिद्ध होता है मनोरथ से नही क्योंकि कभी सोते हुए शेर के मुंह में हिरण आकर प्रवेश नहीं करता उसके लिए भी उसे शिकार करना पड़ता है ।

ब्यास जी ने कलयुग में भगवान के नाम जप को सर्वश्रेष्ठ बताया उससे ही मनुष्य भवसागर के बंधनों से मुक्त हो जाता है । कथा के उपरांत मुख्य यजमान जगदीश चंद्र पांडेय सपत्नीक ने विधि विधान से आरती की । वही कथा के दौरान जीवन चंद्र पंत , प्रमोद पांडेय , कैलाश चंद्र पांडेय , मोती सिंह , हिमांशु पांडेय , आकाश पांडेय , सूरज चंद्र पांडेय , महेश पंत , पूर्ण सहयोग कर रहे हैं । महिला भक्त कथा के पश्चात भजन संध्या में शामिल हो रहे हैं । कथा के पांचवे दिवस पर महिला भक्तों की भीड़ उमड़ी ।

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