पर्यटक जोड़े की हत्या में फांसी की सजा पाया अभियुक्त समेत चारों बरी

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हल्द्वानी। चकराता में वर्ष 2014 में पर्यटक जोड़े की हत्या के मामले में निचली अदालत से फांसी की सजा पाए अभियुक्त को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को अपना निर्णय सुनाया। न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अभिलेखों में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण सभी अभियुक्तों को बरी करने के आदेश दिए हैं। पिछले माह खंडपीठ ने सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

मामले के अनुसार अभिजीत पाल पुत्र अतुल पाल निवासी कोलकाता पश्चिम बंगाल हाल निवासी नई दिल्ली और मोमिता दास पुत्री मृणाल कृष्णादास निवासी लाडो सराय नई दिल्ली 22 अक्तूबर 2014 को दिवाली की छुट्टियों में देहरादून के चकराता आए थे। आरोप था कि यहां राजू दास, कुंदरन दास, गुड्डू और बबलू ने मिलकर उनकी हत्या कर दी थी। निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा सुनाई थी। उसके बाकी तीन साथी कुंदन दास, गुड्डू और बबलू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। उक्त मामले में यह आदेश 27 मार्च 2018 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ढकरानी मोहम्मद सुल्तान की अदालत ने दिया था।

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