नैब की पीड़िता ने शिकायती पत्र लिखा नहीं, लिखवाया -पीड़िता ने किसी की मदद से भेजा था शिकायती पत्र

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हल्द्वानी। मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित बच्चों की आवासीय संस्था के संचालक के खिलाफ पुलिस को डाक से शिकायती पत्र मिला था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह शिकायती पत्र हिंदी में लिखा था। जबकि इस संस्था में बच्चों को ब्रेल लिपि में विशेष स्पर्श पुस्तिका और इशारों में पढ़ाया जाता है। इससे अंदेशा है कि पीड़ित बच्ची की शिकायती पत्र लिखने किसी ने मदद की थी। हालांकि मदद करने वाले की इस समय सभी तारीफ कर रहे हैं। इसी की वजह से इतना बड़ा सबके सामने आ सका। वहीं जिन्होंने ऐसे कृत्यों को छिपाया उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है।


  सूत्रों से पता चला है कि जब भी बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की टीम संस्था में निरीक्षण के लिए पहुंचती थी तो पीड़ित बच्चों को छिपा दिया जाता था। जो बच्चे संस्था में मिलते थे, टीम उन्हीं से पूछताछ कर लौट जाती थी। बताया जा रहा है कि यहां संचालक श्याम धानक के उत्पीड़न से तीन से चार बच्चियां परेशान थीं। यह भी जानकारी मिली है कि टीम के संस्थान में पहुंचने से पहले इसकी जानकारी संस्था को मिल जाती थी। माना जा रहा है कि समिति यदि रजिस्टर के अनुसार जांच करती तो मामला पहले ही खुल सकता था।
कई बच्चे बोलने से डर रहे:  संस्था के संचालक धानक का खौफ आज भी बच्चों के दिलों से कम नहीं हुआ है। सूत्रों से पता चला कि जब पुलिस बच्चों के बयान दर्ज करने जा रही है तो वह धानक के खिलाफ बोलने में डर रहे हैं। बच्चों को भरोसा नहीं हो रहा है कि धानक जेल चला गया है। हालांकि सादी वर्दी में गई पुलिस धीरे-धीरे और ज्यादा सबूत जुटाने में लगी हुई है।

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धानक को पकड़े वाले एसओ बदले, नए ने चार्ज संभाला
काठगोदाम थाना एसओ प्रमोद पाठक को मुखानी थाने का चार्ज दिया गया है। यहां विमल कुमार मिश्रा को भेजा गया है। प्रमोद पाठक ने ही बीते 13 अक्तूबर को संस्था के संचालक धानक को गिरफ्तार किया था। अभी धानक के काले कारनामों को छिपाने वालों की पहचान होनी है। इसलिए नए एसओ विमल कुमार मिश्रा पर कार्रवाई को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है।

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कुछ दिन और बैरक नम्बर दो में रहेगा धानक
जेल में बंद संस्था के संचालक श्याम सिंह धानक को बैरक नम्बर दो में 4 से 5 दिन और काटने पड़ेंगे। इस बैरक में 100 से अधिक कैदी हैं। जो चोरी, नशा तस्करी, मारपीट समेत अन्य जुर्म में आए हुए हैं। जेल सूत्रों से पता चला कि धानक कैदियों के बीच में रातभर करवट बदलता रहा। हालांकि जेल में अब भी उसका स्वभाव शांत बना हुआ है।

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पुलिस की जांच जारी है। बच्चों के बयान लिए जा रहे हैं। पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो, इसलिए रोज कम बच्चों के बयान दर्ज हो पा रहे हैं। इन दिनों बच्चों के पेपर भी चल रहे हैं।  – भूपेन्द्र सिंह धौनी, सीओ हल्द्वानी

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