लंका निशिचर निकर निवाशा, यहां कहां सज्जन कर बासा…

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कविता रावल
श्री महाकाली दरबार रामलीला के नवम दिवस पर बानर सेना सीता की खोज में चारों दिशाओ को जाते हैं । समुद्र तट पर समपाती मिलते हैं जो लंका का पता बताते हैं जामवंत हनुमान को उनकी शक्ति की याद दिलाते हैं और हनुमान समुद्र पार कर लंका जाते हैं जहां हनुमान व विभीषण की मुलाकात होती है और उनके बीच संवाद होता है , विभीषण हनुमान को अशोक वाटिका का पता बताते हैं हनुमान अशोक वाटिका में सीता को राम द्वारा भेजी गई निशानी अंगूठी सीता को दिखाकर अपना परिचय देते हैं और राम लक्ष्मण की कुशलता की सूचना देते हैं अशोक वाटिका में फलों को देखकर हनुमान की भूख बड़ जाती है तब सीता फल खाने को कहती हैं तब हनुमान अशोक वाटिका में राक्षसों का वध करते हैं और अक्षय कुमार युद्ध में मारे जाते हैं ।

मेघनाथ हनुमान का संवाद होता है , रावण हनुमान की पूछ में आग लगाने का आदेश देते हैं जिसके बाद हनुमान लंका का दहन करते हैं । कमेटी के अध्यक्ष हेमराज रावल ने मुख्य अतिथि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पिथौरागढ़ जगत सिंह खाती विशिष्ट अतिथि मनोज टम्टा , मनोज मेहरा , बसंत लाल साह , संजू बोरा मोहित साह को बैज अलंकृत कर सम्मानित किया । मेघनाथ कैलाश पंत , रावण आशु उप्रेती , विभीषण का अभिनय कैलाश सिंह ने किया ।

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